सुप्रसिद्ध रचनाधर्मी गिरीश ‘‘पंकज’’ और डाॅ0 मृदुला सिंह के सम्मान में सावन की फुहार और भादो की रसधार में सजी काव्य-गोष्ठी
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी। माटी की खुशबू को तरोताजा करते हुए साहित्यकारों का समागम विजय इंग्लिश मीडियम स्कूल मनेन्द्रगढ़ में हुआ। इस काव्य-गोष्ठी में जहाॅ एक ओर सावन की फुहार की तरह सुमधुर गीत रचनाकारों ने दिये वहीं भादो की सी गर्जना भी कवियों की ओजस्वी वाणी में उभरकर आये। संगोष्ठी का आरम्भ संगोष्ठी में आये सभी रचनाधर्मियों का स्वागत उद्बोधन विजय एजुकेशन सोसायटी के सचिव संजय सेंगर के द्वारा प्रस्तुत किया गया। संगोष्ठी के प्रमुख आकर्षण केन्द्र संगोष्ठी में मुख्य अतिथि की भूमिका निभाने वाले रायपुर से आये सुप्रसिद्ध रचनाधर्मी गिरीश ‘‘पंकज’’ रहे। मनेन्द्रगढ़ की माटी से जुड़े गिरीश ‘‘पंकज’’ न केवल पत्रकारिता की नई ऊॅचाई दी बल्कि अनेकों विशिष्ट रचनाएं भी साहित्य जगत को दी हैं। मनेन्द्रगढ़ में इनका आगमन क्षेत्र के स्थानीय रचनाधर्मियों में एक अलग ही तरह के उत्साह का संचार करता है। गिरीश ‘‘पंकज’’ की एक विशेषता यह भी है कि आप आयोजन के वास्तविक प्रयोजन को प्रकाशित करते हैं और आयोजक मण्डल को प्रसन्नता और नई चेतना प्रदान करते हैं। संगोष्ठी में विशिष्ठ अतिथि के रूप में प्राध्यापक हिन्दी, शास0 विज्ञान महाविद्यालय जबलपुर से डाॅ0 मृदुला सिंह उपस्थित रहीं। इनकी भी अनेक पुस्तकें साहित्य जगत को प्राप्त हो चुकी हैं साथ ही आप इस दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं। इन्होंनें ’’नारियों के महत्वपूर्ण योगदान तब से लेकर आज तक’’ अपनी काव्य पंक्तियों के माध्यम से प्रस्तुत किया। इस संगोष्ठी में क्षेत्र के सुप्रसिद्ध साहित्यकर्मी कवि संवलिया प्रसाद भी उपस्थित रहे और उन्होने अपनी सुमधुर गीत प्रस्तुत किया। संगोष्ठी में सेवा निवृत्त शिक्षक एवं समाजसेवी कवि परमेश्वर सिंह ने अपने रचना को छत्तीसगढ़ी भाषा और लहजे में प्रस्तुत किया। संगोष्ठी कार्यक्रम में उपस्थित सतीश द्विवेदी ने अपनी सायकल यात्रा का संस्मरण प्रस्तुत किया। क्षे़त्र के उभरते युवा रचनाकार गौरव अग्रवाल ने ऊर्जावान शब्दों व स्वर से संगोष्ठी में उर्जा का संचार कर दिया। सेवा निवृत्त शिक्षक व पर्यावरणविद सह कवि सतीश उपाध्याय के कटाक्ष व्यंग की धार व क्षेत्र के कवि सत्यनारायण शर्मा की गुदगुदाती रचना ने संगोष्ठी को सरस और रोमांचक बनाये रखा। कार्यक्रम के अंत में विजय इंग्लिश मीडियम स्कूल की प्राचार्य श्रीमती इन्द्रा सेंगर ने कार्यक्रम को सफलतम ऊॅचाई व गरीमा प्रदान करने के लिए संगोष्ठी में आये सभी साहित्यप्रेमियों व रचनाकर्मियों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का सफल संचालन सतीश उपाध्याय ने किया। इस काव्य संगोष्ठी में डॉ.रश्मि सोनकर, मंजुला कौरव, बीरेन्द्र श्रीवास्तव, गोपाल बुनकर, पुस्कर तिवारी भी उपस्थित रहे।