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चींटियो का संसार, आख़िर कैसे ये बनाती है,अपनी कॉलोनी गज़ब की है इनकी इंजीनियरिंग

प्रवीण निशी

Ghoomata Darpan

मनेन्द्रगढ़।एमसीबी।सोनहत के जंगलों में अनेक चींटियों के कॉलोनी बनी हुई है पास से जाकर जब देखे तो इनका  भी एक कालोनी होता है ये अनुशासन से कार्य करते देखे जा सकते है, बाहर एक मेड़ भी बनाते है जिससे पानी इनके बिलों में न जाये गजब की इनकी इंजीनियरिंग होती है । चींटी हरेक के घर, आंगन ,खेत मे मिल ही जाती है ये अनुशासित होती है ये एक के पीछे चलती अनुशासन से चलते मिलेगी, वही ये एक इंजीनियर की भांति अपना एक कॉलोनी अंदर ही अंदर बना लेती है।

चींटियो का संसार, आख़िर कैसे ये बनाती है,अपनी कॉलोनी गज़ब की है इनकी इंजीनियरिंग

आख़िर कैसे ये अपनी कॉलोनी बनाती है आपको पता है इनके बारे में ये काम वर्कर चीटियो का काम होता है उनके  अगले जोड़ी पैर फोरोसियल टाइप (खुदाई काने योग्य) होते हैं। इनकी मदद से ये प्राकृतिक दरारों व गड्ढों को चौड़ा व गहरा कर देते हैं।

चींटियो का संसार, आख़िर कैसे ये बनाती है,अपनी कॉलोनी गज़ब की है इनकी इंजीनियरिंग

चींटियो का संसार, आख़िर कैसे ये बनाती है,अपनी कॉलोनी गज़ब की है इनकी इंजीनियरिंग

नर्म मिटटी मिल जाने पर वह अंदर के चैम्बर आसानी से बना लेती हैं। धीरे धीरे वह एक कॉलोनी का रूप ले लेती है। इस प्रकार यदि जगह उपयुक्त हुई तो समय के साथ बिल गहरा होता जाता है।


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