धीरे-धीरे हिन्दी न्यायालय और विज्ञान प्रौद्योगिकी की भाषा के रुप में स्थापित हो रही है- अतुल कुमार वर्मा
मनेन्द्रगढ़।जनकपुर। भारतीय संविधान सभा द्वारा सन् 1949 में 14 सितम्बर को राजभाषा के रुप में अंगीकार किया गया है आज 2024 में 75 वर्ष पूर्ण हो रहें हैं।यह हिन्दी भाषा के विकास का अमृतकाल है
शा.नवीन महाविद्यालय जनकपुर के हिन्दी विभाग व राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम में अपने उद्बोधन में संस्था प्राचार्य अतुल कुमार वर्मा ने कहा कि धीरे-धीरे हिन्दी न्यायालय और विज्ञान प्रौद्योगिकी की भाषा के रुप में स्थापित हो रही है राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 भारतीय भाषाओं के विकास में मील का पत्थर साबित होगा। हमें दूसरी भाषाओं को अच्छे से सीखने का प्रयास करना चाहिए पर दैनिक जीवन में हिंदी के प्रयोग से शर्म नहीं करना चाहिए।
कार्यक्रम का शुभारंभ महाविद्यालय के प्राचार्य अतुल कुमार वर्मा ने किया कार्यक्रम की रुपरेखा का परिचय हिंदी विभागाध्यक्ष महावीर पैकरा ने प्रस्तुत किया, उनके द्वारा हिन्दी तथा क्षेत्रीय भाषाओं के साथ कैसा सम्बन्ध है इसके बारे में विस्तार से प्रकाश डाला गया।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी परमानंद के द्वारा बताया गया हिंदी भाषा भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार अपनी महती भूमिका का निर्वहन किया था,आज भी यह राष्ट्रीय एकता को सुदृढ़ करने में महत्वपूर्ण कड़ी का कार्य कर रही है। राजनीति विज्ञान के अतिथि व्याख्यता आशुतोष वर्मा के द्वारा हिंदी भाषा के विकास से संबंधित भारतीय संविधान में विभिन्न अनुच्छेदों में वर्णित प्रावधानों के बारे में प्रकाश डाला गया! एम् ए तृतीय सेमेस्टर की छात्रा उजाला सोनी बीए तृतीय वर्ष के छात्र विद्या सागर ने हिन्दी भाषा से सम्बन्धी गीत प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में अंग्रेजी के सहायक प्राध्यापक हेमंत बंजारे, भौतिक विज्ञान के सहायक प्राध्यापक विनीत पाण्डेय, अतिथि व्याख्याता अर्थशास्त्र गीतिका वर्मा ,अतिथि व्याख्याता वनस्पति विज्ञान मोनिका मिश्रा, गणित के अतिथि शिक्षण सहायक नुकेशवर निषाद, कम्प्यूटर शिक्षक नीरज कुमार श्रीवास्तव, रमेश कुमार यादव, रघुवीर सिंह बंसल, सहित बडी संख्या में छात्र एवं छात्राएं उपस्थित रहे।