मनेन्द्रगढ़ रेन्जर की कृष्ण कुंज में बड़ी लापरवाही, क्या वनमंडलाधिकारी (DFO) ध्यान देकर सुधारेगे व्यवस्था
कृष्ण कुंज में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। एमसीबी जिले के मनेन्द्रगढ, झगड़ाखांड,नई लेदरी एवं खोंगापानी में निर्मित कृष्ण कुंज में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापना करनी थी लेकिन वह विभाग न जाने किसके इंतजार में है वही वन परिक्षेत्र मनेन्द्रगढ कार्यालय में जमीन पर कृष्ण की मूर्ति पड़ी नजर आ रही है।
मनेंद्रगढ।एमसीबी। (घूमता दर्पण टीम) पूर्व सरकार की महत्वपूर्ण योजना कृष्ण कुंज में बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। एम सी बी जिले के मनेन्द्रगढ, झगड़ाखांड, नई लेदरी एवं खोंगापानी में निर्मित कृष्ण कुंज में भगवान कृष्ण की मूर्ति स्थापना करनी थी लेकिन वह विभाग न जाने किसके इंतजार में है वही वन परिक्षेत्र मनेन्द्रगढ कार्यालय में जमीन पर कृष्ण की मूर्ति पड़ी नजर आ रही है।
कृष्ण कुंज की कल्पना के पीछे शहरों में बढ़ते प्रदूषण को रोकने और क्लाइमेट चेंज जैसी समस्याओं को कम करना है। कृष्ण कुंज के विकसित होने से शहरों में होने वाले प्रदूषण में कमी आएगी, वहीं बच्चों के खेल – कूद के लिए बेहतर स्थान मिलेगा। यहां औषधि महत्व के पौधों से लोगों को आसानी से घरेलू इलाज के लिए औषधि मिल जाएंगे और इसमें लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए औषधीय महत्व के पौधों के साथ-साथ छत्तीसगढ़ की संस्कृति, पर्व की दृष्टि से भी उपयोगी और महत्वपूर्ण पौधों का रोपण करना है। कृष्ण कुंज ऐसे स्थान पर विकसित किया जाना है, जहां पर्याप्त शासकीय भूमि हो और यह स्थान शहर से लगा हो।
इस कृष्ण कुंज को कम से कम एक एकड़ भूमि में विकसित किया जाना था कृष्ण कुंज को विकसित करने का जिम्मा वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग को दिया गया है। मगर वन मण्डल मनेंद्रगढ द्वारा जिस प्रकार मूर्ति लगाने में लापरवाही की जा रही है उससे कृष्ण कुंज के भविष्य पर सवालिया निशान लग रहे है। वही लगातार कृष्ण कुंज में गाजर घास होने से जहरीले साँपो का विचरण का क्षेत्र बनते जा रहा है वही अधिकारियों के द्वारा कोई भी ध्यान नही दिया जा रहा है ।