छत्तीसगढ़

अंततः मुख्य नगरपालिका अधिकारी ज्योत्सना टोप्पो को करोड़ों रुपयों की अनियमितता को लेकर कलेक्टर ने किया निलंबित

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जशपुर । अंततः जशपुर नगरपालिका की मुख्य नगरपालिका अधिकारी ज्योत्सना टोप्पो को कलेक्टर रवि मित्तल द्वारा  निलंबित कर दिया गया है। ज्योत्सना टोप्पो के जगह पर जशपुर के नायब तहसीलदार सुशील कुमार सेन को नगरपालिका सीएमओ का प्रभार दिया गया है।

                 क्या है कलेक्टर के आदेश मे

छग नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग मंत्रालय महानदी भवन नया रायपुर के आदेश पर कलेक्टर रवि मित्तल द्वारा सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो के विरुद्ध निलंबन की कार्रवाई की गई है।

आपको बता दें कि बीते माह कलेक्टर जशपुर द्वारा सीएमओ को नोटिस जारी किया गया था।कलेक्टर द्वारा जारी नोटिस में सीएमओ के विरुद्ध सरकारी योजनाओं के क्रियान्वन में भारी गड़बड़ी और योजनाओं के लिए शासन दारा जारी राशि में हेर फेर के आरोप लगाए गए थे ।

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जो आरोप लगाये गये थे

जशपुर । मुख्य नगरपालिका अधिकारी ज्योत्सना टोप्पो को करोड़ों रुपयों की अनियमितता को लेकर कलेक्टर ने जारी किये कारण बताओ नोटिस , 3 दिन में माँगा जवाब जवाब नहीं देने की स्थिति में एवं जवाब से संतुष्ट नहीं होने की स्थिति में एक पक्षीय कार्रवाही पढ़िए पूरी खबर | घोषणा मद के कार्यों की आड़ में करोड़ों की अनियमितता ,कलेक्टर ने नगर पालिका CMO ज्योत्सना टोप्पो को दिया नोटिस |

 

जशपुर । नगरपालिका जसपुर  में करोड़ों रुपये के भ्रष्टाचार को लेकर जनप्रतिनिधियों द्वारा लंबे समय से दस्तावेजों के साथ शिकायत की जा रही थी | कलेक्टर ने जशपुर नगर पालिका सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो के पीआईसी मेंबर के बैठक के बिना टेंडर, प्रशासकीय स्वीकृति, अपने चहेते फर्म को लाभ पहुंचाने के मामलों को काफी गंभीर अपराध माना है | जशपुर कलेक्टर ने शिकायत पर संज्ञान लेते हुए डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा के अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच दल गठित की है | जांच समिति की रिपोर्ट के आधार पर जशपुर कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल ने सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. जांच प्रतिवेदन प्राप्त होने के बाद जिला कलेक्टर ने नगर पालिका सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो को कारण बताओ मैं लिखा है कि ज्योत्सना टोप्पो मुख्य नगरपालिका अधिकारी नगरपालिका परिषद् जशपुर को कार्यालयीन आदेश 20/02/2023 के माध्यम से गठित जांच दल के द्वारा कार्यालय नगरपालिका परिषद जशपुर का निरीक्षण किया गया, जिसमें दस्तावेजों के अवलोकन एवं अधिकारी / कर्मचारियों का बयान के आधार पर निम्नानुसार तथ्य परिलक्षित किया है

न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी (रा.) जशपुर एवं न्यायालय तहसीलदार जशपुर के छ.ग. शासन के महत्वपूर्ण योजना नगरीय क्षेत्रों में शासकीय भूमि के व्यवस्थापन हेतु प्रेषित कई प्रकरणों में आपके द्वारा अनावश्यक रूप से विलम्ब किया गया है, जिसमें से कई प्रकरण मई 2022 से लंबित पाये गये हैं। सीएमओ के द्वारा बिना मौका जांच कराये भूमि व्यवस्थापन के कुछ प्रकरणों में अभिमत् प्रदाय किया गया है। भूमि व्यवस्थापन के प्रकरणों में अधिकारिता के बाहर जाकर कार्य करते हुये (भूमि के की जानकारी प्रस्तुत करना) अभिमत् प्रदान किया गया है। भूमि व्यवस्थापन के प्रकरणों में नगरपालिका परिषद् जशपुर के कार्यक्षेत्र अन्तर्गत सड़क, बिजली खंभे, पाईप लाईन, नाली इत्यादि से संबंधित अभिमत् प्रदाय नहीं किये गये है, जो उन्हें प्रदान करना चाहिए था। नगर पालिका के समयपाल भोला यादव से अधिकारिता के बिना अभिमत् हेतु मौका निरीक्षण कराया जाना पाया गया है। इसके अलावा नगर पालिका सीएमओ के द्वारा किये गए वित्तीय अनियमितता का हवाला देते हुए कलेक्टर ने जवाब मांगा है जिसमें लिखा है मुख्य नगर  पालिका अधिकारी के द्वारा मुख्यमंत्री घोषणा के माध्यम से वित्तीय वर्ष 2021-22 हेतु अधोसरंचना मद अन्तर्गत विकास कार्य लागत रू. 500.00 लाख के कार्यों की पी.आई.सी. से अनुमोदन प्राप्त किये बिना स्वीकृति जारी की गई है। ज्योत्सना टोप्पो के मैन्युवल निविदा के समस्त कार्यों में जानबूझ कर सुनियोजित तरीके से SOR दर से अधिक दर पर निविदा स्वीकृत की गई है, जो वित्तीय औचित्य के मानक सिद्धांतों के विपरीत है। वार्ड क्र. 06 में   राशि रू. 9.69 लाख के कार्य नियम विरूद्ध तरीके से फर्म शीतल जैन जशपुर को प्रदाय किये गये हैं, जबकि वार्ड क्र. 06 के लिए जोनल निविदा  फर्म एम.एस. कन्स्ट्रक्शन को कार्य प्रदाय किया जाना है । नगर पालिका के कार्यों में प्रशासकीय स्वीकृति एवं कार्यादेश जारी किए जाने के पूर्व पी.आई.सी. का अनुमोदन आवश्यक होता है परन्तु पार्षद निधि एवं अन्य निधियों के कार्यों में सक्षम स्वीकृति के बिना (पी.आई.सी. अनुमोदन बिना) प्रक्रिया का पालन नहीं करते हुए कार्यादेश जारी किया जाना पाया गया है। वार्ड क्र. 16 बरटोली के सामुदायिक भवन को अपना व्यक्तिगत निवास बनाते हुए राशि रू. 11.37 लाख के निर्माण कार्यो का कार्यादेश जारी किया गया है, जबकि प्रारंभिक तौर पर वास्तविक भवन की प्रशासकीय स्वीकृति वर्ष 2013-14 राशि रू. 10.00 लाख की है। इस कृत्य से आम जनता का हित व्यापक स्तर पर प्रभावित होना पाया गया है। जवाब अधोहस्ताक्षरकर्ता के समक्ष 03 दिवस के भीतर प्रस्तुत करना सुनिश्चित करने कहां गया है जवाब प्रस्तुत नहीं करने अथवा संतोषप्रद जवाब नहीं होने की स्थिति में सीएमओ ज्योत्सना टोप्पो के विरूद्ध एकपक्षीय कार्यवाही की चेतावनी दी गई है। अब देखना यह है कि करोड़ों रुपया के भ्रष्टाचार करने के बाद नगर पालिका अधिकारी अपनी क्या सफाई पेश करती है


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