नशा मुक्ति केंद्र बन गया प्रताड़ना केंद्र 22 नशेड़ी फरार
पटना – कोरिया जिला मुख्यालय से महज 15 किमी दूरी पर नवजीवन फाउंडेशन नशा मुक्ति केन्द्र से 22 नशेड़ी विवाद व उत्पाद मचाने के बाद केंद्र में तोड़फोड़ कर फरार हुए जिले के चिरगुड़ा ग्राम में बिना पंचायत की अनुमति से खोले गए नशा केंद्र से संस्था के कर्मचारियों के गलत व्यवहार व मारपीट से गुरुवार की रात 11 बजे इलाज के लिए भर्ती सभी नशेड़ी फरार हो गये। यहां पदस्थ कर्मचारियों द्वारा नशे में किसी बात को लेकर भर्ती पीड़ित से विवाद होने के कारण पहले बहस व बाद में मारपीट की गई थी घटना से नाराज पीड़ितों द्वारा भी तोड़फोड़ किये जाने की बात भी सामने आ रही हैं। संस्था के कर्मचारियों द्वारा सुबह तक घटना की सूचना थाने में नहीं देने के कारण अब संस्था के क्रियाकलाप और शिकायत को लेकर सवाल उठ रहे हैं।लोगों का मानना है की नशा मुक्ति केंद्र में पहुंचने पर नशे से मुक्ति मिल जाएगी। नशा करने वाले व्यक्ति के परिजन भरोसा करके यहां पहुंचते हैं। रुपए भी खर्च करते हैं मगर एनजीओ के माध्यम से संचालित ये नशा मुक्ति केंद्र कमाई का अड्डा बन चुका है। इस केंद्र में पहले भी हो चुका है विवाद । कई बार यहां मारपीट के मामले भी सामने आ चुके हैं। इसके बाद भी जिम्मेदार इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। नवजीवन फाऊन्डस नशा मुक्ति केन्द्र पटना में एक साल पहले खुला था। यहां भर्ती पीड़ितों के परिजनों से 20 से 30 हजार रुपये लिये जाते है। बाद में 10 हजार रुपए प्रतिमाह लिए जाते थे। दावा नशे से सौ फीसद मुक्ति दिलाने का किया जाता था लेकिन हकीकत इससे विपरीत थी। यहां भर्ती कराए जाने वाले लोगों को सुधारने के नाम पर उनका उत्पीड़न किया जाता था।यहां मरीजों से शौचलय तक साफ कराया जाता है शौचालय साफ कराने से लेकर उनसे मारपीट तक की जाती थी। जानकारी मिलने के बाद भी जिम्मेदार विभाग कोई सुध नही लेता है। मारपीट की घटना के बाद 22 नशेड़ी फरार हो गये। अब इन नशेड़ियों के घर नहीं पहुंचने और किसी प्रकार की घटना घटित होने पर किसकी जिम्मेदारी होगी इस पर भी सवाल खड़े हो रहे है ।
कविता ठाकुर (डीएसपी) कोरिया ने बताया कि हमें शिकायत प्राप्त हुई है 22 लोगों के फरार होने की जानकारी मिली है इस आधार पर कार्यवाही की जाएगी ।