संपूर्ण छत्तीसगढ़ मैं अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम लागू किए जाने सामूहिक दुर्घटना बीमा एवं स्वास्थ्य बीमा लागू किए जाने की मांग अधिवक्ताओ ने मुख्यमंत्री से की है।
मनेन्द्रगढ़ । एमसीबी । अधिवक्ता संघ मनेंद्रगढ़ के सचिव सूरज भान सिंह ने बताया कि अधिवक्ताओं के सुरक्षा और हितो के साथ साथ विधि के प्रावधान अनुरूप विधि व्यवसाय का कार्य करते हैं। वर्तमान परिवेश में आए दिन अधिवक्ताओं के साथ पक्षकारों एवं अन्य लोगों के साथ प्रकरणों के निर्णय एवं न्यायालीन कार्य आदि के संबंध में विवाद उत्पन्न होते रहता है, पक्षकारों एवं अन्य लोगों के हौसले इतने बुलंद होते हैं, कि वह अधिवक्ततागण जो एक ऑफिसर आफ़ दा कोर्ट होता है, उसके साथ भी मारपीट गाली-गलौज व जान से मारने, फोन से धमकी, अन्य तरह के अपराधिक घटनाएं कार्य कर रहे हैं, ।अधिवक्ताओं के खिलाफ झूठी शिकायते होते रहती है। पक्षकारों एवं अन्य लोगों के द्वारा राज्य में आए दिन होने वाले उक्त आपराधिक कृत्यों से अधिवक्ताओं के मान सम्मान एवं जीवन शैली , असुरक्षा एवं डर जैसी स्थिति सदैव निर्मित होते रहती है जिससे अधिवक्ताओं और उनके परिवार के सम्मान के लिए बहुत ही चिंतनीय एवं अपमानजनक स्थिति निर्मित हो रही है ।अधिवक्ताओं की सुरक्षा के संबंध में कोई भी ठोस कानून नहीं है और न ही अधिवक्ता एवं उनके परिजनों के स्वास्थ्य एवं सामूहिक बीमा सुरक्षा योजना जैसी कोई भी योजना है जिसकी कमी हमेशा महसूस की जा रही है सुरक्षा दुर्घटना बीमा एवं स्वास्थ्य के लिए स्वास्थ्य बीमा योजना की नितांत आवश्यकता हो गई है हाल ही में राजस्थान राज्य में अधिवक्ताओं के हितों को ध्यान में रखकर अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू किया जा चुका है जिससे वहां के अधिवक्ताओं के बहुत मितांत मांगों की पूर्ति हो चुकी है वहा के समस्त अधिवक्ताओं में हर्ष व्याप्त है आपके छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा भी हाल ही में पत्रकारों की सुरक्षा अधिनियम एवं उनके हितों में कई लाभकारी योजनाएं लागू किए हैं किंतु अधिवक्ताओं के सम्मान एवं सूचनार्थ योजनाओं की अभाव होने से अति आवश्यकता महसूस की जा रही है।
अधिवक्ता संघ के द्वारा आए दिन अधिवक्ताओं के साथ हो रही मारपीट गाली-गलौज जान से मारने की घटना आदि से घटित घटनाओं की जानकारी विभिन्न जिलों से हमारे अधिवक्ता संघ के माध्यम से, राज्य शासन एवं राज्य विधिक परिषद बिलासपुर को प्रेषित किया जाता है किंतु अधिवक्ताओं के हितों के संबंध में कोई पहल नहीं हो रहा है इसी प्रकार अधिवक्ताओं के सामूहिक बीमा एवं सामूहिक स्वास्थ्य बीमा की लंबे समय से मांग एवं कमी महसूस की जा रही है, अधिवक्ताओं एवं उसके परिवार के इलाज के लिए हमेशा आते रहते हैं , इलाज के अभाव में जाने भी जाती है, पूर्व भी हमारे संघ के द्वारा उक्त मांगों के संबंध में माननीय मुख्यमंत्री एवं विधि विधाई मंत्री महोदय, छत्तीसगढ़ शासन को कई बार पत्र प्रेषित किया गया है साथ ही सूचनार्थ मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय बिलासपुर को भी पत्र प्रेषित किया गया परंतु सकारात्मक पहल नहीं हो पा रहा है जिससे जिससे सम्पूर्ण छत्तीसगढ के अधिवक्ताओं में असंतोष और सुरक्षा व्याप्त है। विधि व्यवसायरत अधिवक्ताओं की सुरक्षार्थ अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम, दुर्घटना बीमा एवं सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने की दिशा में पहल करने की मांग मुख्यमंत्री से फिर से की है।
वही सोनहत भरतपुर के विधायक गुलाब कमरो को भी अधिवक्ताओं ने एक ज्ञापन देकर अपनी सुरक्षार्थ अधिवक्ता सुरक्षा अधिनियम, दुर्घटना बीमा एवं सामूहिक स्वास्थ्य बीमा योजना लागू किए जाने की दिशा में पहल करने की मांग की है जिसमें विधायक ने हर सम्भव मदद करने का आस्वासन दिया है ।