उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत कुशल प्रशिक्षकों का ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण
कार्यक्रम का उद्देश्य ज़िले के शिक्षकों को साक्षरता के क्षेत्र में नवीनतम और प्रभावी शिक्षण पद्धतियों से परिचित कराना ताकि वे अपने विद्यार्थियों एवम शिक्षार्थियों को अधिक कुशलता से शिक्षित कर सकें : जिला परियोजना अधिकारी साक्षर भारत गरियाबंद
गरियाबंद। (रोशन लाल अवस्थी की कलम से ) गरियाबंद में उल्लास नवभारत साक्षरता कार्यक्रम के अंतर्गत कुशल प्रशिक्षकों का ज़िला स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित हुआ । कार्यक्रम ज़िला मुख्यालय के विकासखंड स्रोत समन्वयक गरियाबंद के प्रशिक्षण हाल में हुआ। जिला शिक्षा अधिकारी ए के सारस्वत जिला मिशन समन्वयक के एस नायक और डी. पी.ओ. बुद्धविलास सिंह ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और कार्यक्रम के उद्देश्यों के बारे में बताया।
जिला शिक्षा अधिकारी महोदय ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य ज़िले के शिक्षकों को साक्षरता के क्षेत्र में नवीनतम और प्रभावी शिक्षण पद्धतियों से परिचित कराना है, ताकि वे अपने आसपास के शिक्षार्थियों को अधिक कुशलता से शिक्षित कर सकें। इस अवसर पर बताया गया कि साक्षरता किसी भी समाज की प्रगति का मूल आधार होती है और यह कार्यक्रम समाज में साक्षरता का प्रसार करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
उन्होंने प्रशिक्षकों से आग्रह किया कि वे इस प्रशिक्षण में प्राप्त ज्ञान और कौशल का प्रयोग करके समाज के वंचित वर्गों तक और अधिक बेहतर तरीक़े से शिक्षा का प्रकाश पहुँचाएं। उन्होंने पढ़ाने वाले शिक्षक और पढ़ने वाले विद्यार्थी का उदाहरण देते हुए कहा कि दोनों में बेहतर और अच्छा तालमेल बन जाता है। वह अपने शिक्षक की हर बात उनकी हर गतिविधि की बड़ी बारीकी से अवलोकन (ऑब्जरवेशन) करता है। कि शिक्षक का मन से पढ़ा रहे हैं या आज उसकी पढ़ाने की इच्छा नहीं है। इसलिये स्कूल में आये तो बच्चों को पूरे मन से पढ़ाये। है। शिक्षा से हमारी आदतों में भी सुधार होता है। और हमारे जीवन में बहुत सारे परिवर्तन देखने को मिलते हैं।
यह प्रशिक्षण सीखने सिखाने की नवाचारी गतिविधियों पर हो रहा है। प्रशिक्षण उपरांत यह प्रशिक्षक अपने विकासखंड में, संकुल में, जोन में प्रशिक्षण देना सुनिश्चित करेंगे।
कार्यक्रम में विशेषज्ञों द्वारा विभिन्न सत्रों में साक्षरता की नई विधियों, शिक्षण के प्रभावी तकनीकों और समाज में शिक्षा के महत्त्व पर गहन चर्चा की गई। साथ ही, प्रशिक्षण में भाग लेने वाले शिक्षकों ने भी अपने अनुभव साझा किए और इस कार्यक्रम से उन्हें क्या-क्या नई बातें सीखने को मिलीं, इस पर विचार-विमर्श किया।
इस कार्यक्रम के माध्यम से ज़िले में साक्षरता को बढ़ावा देने और समाज में शिक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया गया है। डी पी ओ ने प्रशिक्षकों को इस कार्यक्रम के माध्यम से प्राप्त ज्ञान को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए प्रेरित किया। छात्र-छात्राओं ने लोगों को शिक्षा के प्रति जागरूक करने एक रैली भी निकाली। जिला स्तरीय डी आर जी प्रशिक्षण में जिला के पांचों विकासखंड से चार चार शिक्षक शामिल हुए साथ ही विकासखंड गरियाबंद परियोजना अधिकारी व्यंकटेश साहू, विकासखंड मैनपुर परियोजना अधिकारी शिवकुमार साहु, छुरा विकासखंड परियोजना किशन धीतेश शामिल हुए। कार्यक्रम का संचालन एस आर जी लोकेश्वर सोनवानी एवं आरती सोनवानी ने किया। प्रशिक्षण में डी आर जी के रूप में प्रमुख रूप से संतोष कुमार तारक, ईश्वरी सिन्हा, धनेश्वरी सिन्हा मोहिनी गोस्वामी, पद्मनी साहु, डालिमा रेंगे ,गीता ठाकुर, मोतीराम ध्रुव, शकर लाल यदु नोहर कुमार सोनी, चंद्रिका साहु, अखिलेश खरे अमित शर्मा