मुस्कुराइए! मनेद्रगढ़ में अब डॉक्टर आ गए हैं।
लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल का, मनेद्रगढ़ के जागरूक लोगों ने डॉक्टरों की नियुक्ति के लिए आभार जताया है ।यह अच्छी बात है कि कोटाडोल , बहरासी , रामगढ़ तक के वन्यांचल क्षेत्रों में डॉक्टरों की पदस्थापना की गई है। यह तो अब स्पष्ट दिख रहा है कि राज्य सरकार दूरस्थ आदिवासी मैदानी एवं ग्रामीण अंचलों सहित सभी जगह निगाहें रखी हुई है एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने की दिशा में प्रयास कर रही है। राज्य सरकार ,विशेषज्ञ, डॉक्टर, स्टाफ की पद स्थापना के लिए भी संवेदनशील है। अंचल में डॉक्टर के पद स्थापना से अब मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिलेगा। पूर्व मंत्री एवं बैकुंठपुर क्षेत्र के विधायक भैया लाल राजवाड़े भी दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात कर कोरिया में” एम्स” की स्थापना की मांग की है।संभव है मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में भैया लाल राजवाड़े के इस प्रस्ताव पर गंभीरता पूर्वक विचार किया जाए ,और यदि “एम्स” की स्थापना होती है तो निश्चित रूप से सरगुजा संभाग के मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य की,बेहतर सुविधा मिल सकेगी।
मनेद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज
एक अच्छा समाचार है ।मनेद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज की राज्य स्तर से पुनः घोषणा की गई है ।यह कॉलेज 2027 -28 जनवरी तक प्रारंभ होने की संभावना है मनेद्रगढ़ मेडिकल कॉलेज जब बनाकर पूर्ण होगा तब एमबीबीएस की 50-50 सीटें होगी ।इसके लिए इंफ्रास्ट्रक्चर ,फैकल्टी और जरूरी सुविधाओं को फाइनल करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने टीम का गठन किया है ।इस रिपोर्ट के आते ही कार्य में तेजी आ जाएगी। मनेद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज खोलने की घोषणा गत वर्ष भी की गई थी , इसमें कुछ केंद्र सरकार की मदद मिलेगी मनेद्रगढ़ में मेडिकल कॉलेज के लिए जमीन का चिन्ह्यांकन किया गया है । मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के गृह जिले कुनकुरी में भी 220 बेड अस्पताल की घोषणा की गई है।इसे भी मेडिकल कॉलेज से जोड़कर देखा जा रहा है। बताते हैं कि एक नया मेडिकल कॉलेज बनाने में लगभग 500 से 700 करोड़ रुपए खर्च होता है सारे मेडिकल कॉलेज केंद्र परिवर्तित योजना के तहत बनेंगे। इस योजना के तहत 60% सहयोग केंद्र सरकार बाकी राज्य सरकार देती है। इसके पहले 220 बेड के अस्पताल की भी घोषणा की गई है। इसके इंफ्रास्ट्रक्चर में आईसीयू ,ऑर्थोपेडिक्स ,जनरल मेडिसिन सहित 220 बेड निर्धारित किए गए हैं नया मेडिकल कॉलेज खुलने से छात्रों के साथ सभी लोगों को किसका फायदा मिलेगा।
ऐतिहासिक सती मंदिर
चिरमिरी के आस्था के प्रतीक सती मंदिर की व्यवस्थापन की कार्यवाही वर्षो बाद पूर्ण हुई। सती मंदिर को लेकर काफी दिनों से मामला लंबित है ।उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर में गिरीश कुमार दुबे एवं राजकुमार मिश्रा की याचिका पर आदेश भी पारित किया गया है ।जिस पर जिला प्रशासन ने आदेश के परिपालन में “जिला पुरातत्व संघ “की देख-देख में सती मंदिर के शिल्प कृतियां ,स्मारकों व सती मंदिर के विस्थापन के लिए अस्थाई जिला संग्रहालय से प्रतिस्थापित किया है ।बताया जाता है की सती मंदिर में 14वीं शताब्दी के 30 सती प्रस्तर योद्धा स्तंभ प्राप्त हुए हैं जिसे देखकर रायपुर से आई पुरातात्विक टीम ने 2015 के शोध में यह स्पष्ट किया था कि इस स्थल पर जाति संघर्ष या युद्ध जैसी स्थिति रही होगी। आर्कोलॉजी सर्वे आफ इंडिया के शोध पर सती मंदिर को लेकर साहित्य भी लिखे गए थे। यहां की पुरातात्विक मूर्तियां 14 वीं शताब्दी की बताई जाती है। यह क्षेत्र के अमूल धरोहर है, इसका उचित संरक्षण जरूरी है।
ड्रोन से मेडिकल सुविधा
विगत दिनों मेडिकल सैंपल “ड्रोन टेक्निक इन हेल्थ केयर “का मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में सफल ट्रायल किया गया। जीवन रक्षक दवाइयां, जरूरी ब्लड सैंपल, एवं जरूरी वैक्सीन ले जाने का काम “ड्रोन “ने किया । ड्रोन फेडरेशन ऑफ इंडिया से पंजीकृत कंपनी काइट्स मैप बेंगलुरु के कर्मचारियों ने ड्रोन का सफल परीक्षण किया। यह तकनीक सफल रहती है तो आने वाले समय ड्रोन के माध्यम से एक सीमित दायरे में तत्काल स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से पहुंचाई जा सकती है।
वित्तीय खर्चों पर रोक
राज्य की वित्तीय व्यवस्था मजबूत बनाने के लिए वित्त विभाग ने अनावश्यक खर्चे पर रोक लगाने की अच्छी पहल की है ।अब 29 फरवरी के बाद सरकारी खरीदी पर बैन लगा दी गई है। राज्य शासन का यह बहुत अच्छा निर्णय है। प्रायः यह देखा जाता है कि वित्तीय वर्ष के अंतिम महीने में विभाग अपने अकाउंट में फर्जी बिल वाउचर अनाप-शनाप खर्च कर बजट को खर्च करने के लिए अनावश्यक खरीददारी करते हैं जिससे शासन की राशि का दुरुपयोग होता है। आंगनबाड़ी और जरूरी जीवन रक्षक दवाइयां एवं मूलभूत खरीददारी के लिए यह बैन नहीं रहेगा।
पीएम श्री योजना
राज में शिक्षा के स्तर को ऊपर उठने के लिए आने वाले समय में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत 400 पीएम श्री (प्रधानमंत्री स्कूल फॉर राइजिंग इंडिया) स्कूल खोले जाने की योजना है ।इन स्कूलों के लिए दो-दो करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे ,और इसमें पारंपरिक एवं व्यवसायिक शिक्षा भी दी जाएगी ।बच्चों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने एवं समृद्ध शिक्षा की ओर बढ़ रहे छत्तीसगढ़ के लिए यह एक अनुकरणीय पहल होगी।
धर्मांतरण पर सख्ती
आने वाले समय में अब छत्तीसगढ़ में धर्मांतंरण जटिल दौर से गुजरेगा। छत्तीसगढ़ शासन धर्मांतरण के मामले में अति संवेदनशील कदम उठाने जा रही है धर्मांतरण के संबंध में विधानसभा में बिल पेश किया जा रहा है ।धर्म परिवर्तन की इच्छा रखने वाले व्यक्ति को पहले एक फार्म पर अपनी पर्सनल जानकारी कलेक्टर के पास जमा करना होगा। शीघ्र छत्तीसगढ़ में कानूनी” धार्मिक रूपांतरण निषेध विधेयक “को विधानसभा में पेश करने की तैयारी है। ड्राफ्ट इसके पीछे छत्तीसगढ़ शासन की मंशा है कि धर्मांतरण (धर्म बदलने वाले )व्यक्ति से यह जानकारी ली जा सके कि कहीं अनुचित प्रभाव डालकर या दबाव पर या किसी प्रकार का लालच देकर या उसे धोखे में रखकर तो एक धर्म से दूसरे धर्म में रूपांतरण नहीं किया जा रहा है। खास बात है इसमें यह है कि धर्मांतरण के हर पहलू देखा जाएगा ।नाबालिक महिलाओं या अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोगों को अवैध रूप से धर्म परिवर्तन करने वालों के खिलाफ भी कड़ा एक्शन सरकार ले सकती है ।इसमें सजा का भी प्रावधान रखा गया है एवं जुर्माना का भी प्रावधान है सामूहिक जबरन धर्म परिवर्तन पर कैद एवं जुर्माना दोनों का प्रावधान है।
बिरनपुर हिंसा की सीबीआई जांच
छत्तीसगढ़ में बिरनपुर हिंसा का मामला फिर सुर्खियों में आने जा रहा है। इसकी सीबीआई जांच की घोषणा की गई है ।कवर्धा में पिछले साल दो गुटों में झगड़े के बीच बिरनपुर गांव के भुनेश्वर साहू की हत्या कर दी गई थी ।झगड़ा बच्चों की मारपीट से शुरू हुआ था। भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू अब साजा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं ।उन्होंने सदन में गृह मंत्री विजय शर्मा से अपने बेटे की हत्या की जांच के लिए आवाज उठाई ।मामले की एसआईटी जांच तो पहले से जारी थी गृहमंत्री ने सदन में उत्तर दिया एक पिता की हृदय का दर्द है इसलिए मैं इस आज सदन में घोषणा करता हूं कि इस विषय पर सीबीआई जांच अवश्य कराई जाएगी। यह भी समय का चक्र है कि न्याय की लड़ाई लड़ते-लड़ते खुद मृतक भुनेश्वर साहू के पिता ईश्वर साहू आज विधायक हैं और सदन में है।
छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय अवार्ड
छत्तीसगढ़ को राष्ट्रीय स्तर पर एक बार फिर अच्छी उपलब्धि मिली है इंडियन फेडरेशन ऑफ ग्रीन एनर्जी नई दिल्ली द्वारा छत्तीसगढ़ के ऊर्जा विभाग के अंतर्गत छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण को “ग्रीन इंडिया एनर्जी अवार्ड 2024 -“दिया गया है छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण राष्ट्रीय स्तर पर आउटस्टैंडिंग कम्युनिटी बेस्ट ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट श्रेणी में विजेता बना है।
छत्तीसगढ़ बायोफ्यूल विकास प्राधिकरण एक दशक से भी अधिक समय से जैव ईंधन एवं जैव ऊर्जा के क्षेत्र में ग्रामीण किसानों को जोड़ने का उल्लेखनीय काम किया है। छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण द्वारा बायोडीजल बायो एथेनॉल जैसे कई सफल अनुसंधान और विकास कार्य किया है ।इसीलिए राष्ट्रीय स्तर पर मिली उपलब्धियां को देखते हुए इंडिया ग्रीन एनर्जी अवार्ड 2024 पुरस्कार प्रदान किया गया है।
पूछते हैं सब सवाल।
- मनेद्रगढ़ में अवैध रूप से किस ब्लड सेंटर की गतिविधियों को आगामी आदेश जब बंद करने हेतु पत्र जारी किया गया है?
- मनेद्रगढ़ में ” घरौंदा “कहां की संस्था है?जो चुपचाप परमार्थ का काम कर रही है, जिसे 5 वर्षों में 2 करोड़ से अधिक राज्य शासन से अनुदान मिल चुका है। मनेद्रगढ़ में किसी ने एनजीओ को कितनी बड़ी राशि दी जा रही है।? क्या अब तक किसलिये एनजीओ को इतनी बड़ी राशि प्रदान की गई है? मीडिया पत्रकारों को नहीं चाहिए कि “राबर्ट” नामक इस संस्था के अच्छे और परमार्थ काम(?) को भी हाइलाइट किया जाए? जिससे समाज को समाजसेवियों को भी प्रेरणा मिल सके