हर वक्त मिलती है मुझे अनजानी सी सजा…. तकदीर से पूछूँ की मेरी खता क्या है….
कुछ सालों से लगातार हिन्दू-मुस्लिम को लेकर तरह-तरह की बयानबाजी हो रही है,राममंदिर बनने के बाद अब कृष्ण भूमि मुक्त कराने की चर्चा शुरू हो चुकी हैं,एक प्रदेश में तो मस्जिद के अवैध कब्जे को लेकर जुलुस भी निकल चुका है..आखिर भारत में हो क्या रहा है?एक साहिर लुधियानवी थे,उनका लिखा भजन – तोरा मन दर्पण कह लाये.., अल्लाह तेरो नाम ईश्वर तेरो नाम., मन रे तू काहे ना धीर धरे., गंगा तेरा पानी अमृत.., ईश्वरअल्लाह तेरो नाम…,हे रोम रोम में बसने वाले राम., सूची लंबी है।सबका जिक्र करने पर पोस्ट बड़ी होगी। ये ऐसे नगमे हैं जो मंदिरों,घरों और यहां तक कि महाकुंभ में गूंजते हैं। सुनिए तो मन के आसमान में फूल बरसते हैं। मजे की बात ये कि साहिर जो प्रगतिशील नास्तिक थे।एक थे राही मासूम रज़ा, जिनकी भाषा,अदायगी, विचारों, रगों में जितनी गाजीपुर की मिट्टी की गंध थी, उतनी ही गंगा-जमुना की पवित्रता महसूस की जा सकती है। महाभारत सीरियल लिख सिर्फ अमर नहीं हो गये , बल्कि कलम के मजदूरों के लिए कीर्तिमान कायम किया। एक शकील बदायूंनी…उन्होंने लिखा- मन तड़पत हरि दर्शन को आज, मधुबन में राधिका नाचे रे., मोहे पनघट पे नंद लाल छेड़ गये रे., इन्साफ का मंदिर है,ये भगवान का घर है.,ये भजन संगीत के अनमोल रत्न हैं। इन सब ज्यादातर भजनों के गायक हैं मोहम्मद रफी,संगीतकार नौशाद.,एक जावेद अख्तर, लगान में लिखा था – मधु बन में जो कन्हैया किसी गोपी से मिले, राधा कैसे न जले..,ओ पालनहारे निर्गुण ओ न्यारे., स्वदेश में लिखा था- राम ही तो करुणा में हैं, शान्ति में राम हैं,राम ही हैं एकता में,प्रगति में राम हैं,संगीतकार ए आर रहमान हैं।भारतीय शास्त्रीय संगीत पर नजर डालें -अमीर खुसरो से शुरूकर, बड़े गुलाम अली,अब्दुल वाहिद खान, अमीर खान, इनायत हुसैन खान,अकबर अली खान, फैयाज खान,अब्दुल करीम खान,अल्ला रक्खा,सुलतान खान,रशीद खान…., बहुत लंबी सूची है। मुसल मान संगीतज्ञों को हटा दें , तो भारतीय शास्त्रीय संगीत में आधा से ज्यादा इतिहास बचेगा ही नहीं…..! ये सब हमारी सांस्कृतिक विरासत हैं। इन सबमें यह कॉमन है- ये सब मानवतावादी, प्रगति शील सोच के लोग हैं,कभी जहरीला भाषण नहीं दिया। मानवता,इज्जत,शांति,भाई चारे की वकालत की। हिंदु स्तान को हिंदुस्तान बनाया। एक हैँ मनोज मुंतशिर…..!कुछ दिन पहले शुक्ला हो गये हैँ !ट्विटर पर जहर उग लते हैँ, रामायण आधारित फिल्म ‘आदि पुरुष ‘ लिखी है। लिखा क्या है वास्तव में कबाड़ा किया है? फिल्म रिलीज होने के बाद से उसे लीप रहे हैँ।हनुमान और रावण से ऐसे डायलॉग बोलवाया है कि..? नफरत की चाशनी में डूबा व्यक्ति कला का सृजन नहीं कर सकता। वह सिर्फ समाज में जहर फैला सकता है…?
राहुल गाँधी को
आतंकवादी कहना ….?
जिसके परिवार के दो सदस्यों इंदिरा, राजीवगाँधी ने शहादत दी,पुरखे अंग्रेजों से लड़े, देश को दिशा और दशा दिखाई उसे हाल ही में कांग्रेस छोड़कर गये रवनीत सिंह ने आतंकी कहा। पता नहीं क्यों जो भी फालना पार्टी में जाता है इस तरह अनर्गल अनाप -शनाप क्यों बकने लगता है।जबकि इनके दादा बेअंत सिंह ने कांग्रेस के सीएम रहते हुए शहादत दी थी।दिक्कत यह नहीं है कि दो विचारधाराओं के बीच देश सरवाइव कर रहा है,असली परेशानी यह है कि हम देशद्रोही का प्रमाण पत्र बांटते हैं जबकि मुद्दों की आलोचना, विपक्ष की आलोचना कभी देश के ख़िलाफ़ जाना नहीं होता..! बल्कि उसे सचेत करना होता है।
छ्ग सरकार तो बस
विष्णुदेव ही चलाएंगे…..
पिछले 13दिसम्बर 23 को सीएम बने विष्णुदेव ने 9 महीने का कार्यकाल पूरा कर लिया है,उनकी छवि सीधे सादे सीएम की ही बनी थी,उनके सीधेपन के चलते उनके मंत्रिमंडल के 3-4 मंत्री, नये शक्ति केंद्र बनाकर अपने मन की चला रहे थे, जिससे यह चर्चा आम थी कि वास्तव में सरकार कौन चला रहा है..? विष्णुदेव साय या कोई अन्य……? डिप्टी सीएम अरुण साव , विजय शर्मा या वित्त मंत्री ओपी चौधरी? राजनीति में सहजता, सरलता और सज्जनता को व्यक्तित्व की कमजोरी ही समझने वालों को हाल में आयोजित कलेक्टर, एसपी कॉन्फ्रेंस से एक सन्देश दिया गया कि सरकार तो विष्णुदेव ही चलाएंगे..?दोनों कांफ्रेंस में सरकार के तीनों मंत्रियों को आमंत्रित नहीं करना, नौकरशाही को स्पष्ट सन्देश था, बाद में 2 कलेक्टरों को भी तत्काल हटाना भी संकेत है। अभी कुछ आईजी, एसपी सहित कलेक्टरों को हटाना भी तय है। वैसे विष्णुदेव सरकार में अधिकतर मंत्री पहली बार सरकार में हैं, कुछ की कार्य प्रणाली की चर्चा भी शुरू हो चुकी है..!उनकी भी क्लास लेने की जरुरत है.!इस समय विपक्षी दल कांग्रेस में नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत, पूर्व सीएम भूपेश बघेल जैसे अनुभवी नेता हैं तब और सतर्कता की जरुरत सत्ताधारी दल को है,अनुभवी और संकट मोचक नेता बृजमोहन अग्र वाल तो अब सांसद बन चुके हैं।
गृह मंत्री का कवर्धा
फिर सुलगा……
छ्ग के गृहमंत्री के गृह जिले और इडी की पूछताछ में कुछ घंटे गुजारने वाले योग्य एसपी का कवर्धा फिर सुलगा,एक गांव में हत्या की आशंका,आत्म हत्या का खुलासा,लेकिन, खुलासे से पहले ही संदेह और बदले की आग में मानों सब कुछ झुलस गया। रातों-रात गांव निर्जन हो गया….जब आग बुझी तो धुएं में साजिश के सबूत तैर रहे हैं,पुलिस मानती है अफवाह की चिंगारी से पूरी तैयारी से षड़यंत्रपूर्वक भीड़ को आग भड़काने तैयार किया गया, कवर्धा में एक बार फिर जो कुछ हुआ उसने पूरे छ्ग को सन्न कर दिया है।लोहारीडीह गांव में जमीनी विवाद से शुरू हुई बात,भीड़तंत्र के बवाल और आगजनी में बदल गई और ये सब कुछ जिसकी शख्स की हत्या की बात से शुरू हुआ। मृतक शिव प्रसाद साहू की पोस्ट मॉर्टम रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि असल में उसने खुदकुशी की थी। मामले में पुलिस ने 160 लोगों पर नामजद एफआईआर भी दर्ज किया है, जिसमें से 60 गिरफ्तार हो चुके हैं..? पूर्व सीएम भूपेश बघेल का कहना है कि गृहमंत्री के गृह ज़िले कवर्धा में पुलिस के कारनामे ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं, इधर हिरासत में लिये गये युवक प्रशांत साहू की पुलिस पिटाई से मौत हो गई है….विडंबना है कि उनकी गृहमंत्री विजय शर्मा से निकटता भी थी।खैर एक प्रशिक्षु आईपीएस को निलंबित कर दिया गया है, एक वीडियो भी चर्चा में है जिसमें एक नाबालिग बच्ची को महिला पुलिस लाठी से पीट रही हैँ और एसपी वहीं खड़े होकर मारने वालों को प्रोत्साहित कर रहे हैँ…?
और अब बस…..
0सीएम विष्णुदेव साय ने घोषणा की है कि अब छत्तीसगढ़ के चिकित्सा महाविद्यालयों में एमबीबीएस की पढ़ाई हिंदी में शुरू की जाएगी।
0 छ्ग के किस मंत्री पर तबादला में उगाही का आरोप लगा है…?
0छ्ग के किस बड़े जिले का एसपी बनने कोई तैयार नहीं है, क्यों….?
0कवर्धा एसपी को कौन अजय बचा रहा है?