भारत के नव निर्माण में गीता प्रेस की महत्वपूर्ण भूमिका, गांधी शांति पुरस्कार से पुरस्कृत करने पर केंद्र सरकार का जताया आभार
मनेन्द्रगढ़ ।एमसीबी।भारत सरकार ने गीता प्रेस गोरखपुर को गांधी शांति पुरस्कार से पुरस्कृत करने का निर्णय लिया है जो स्वागत योग्य निर्णय है जिसके लिए केंद्र सरकार बधाई एवं साधुवाद की पात्र है कांग्रेस के नेताओं के द्वारा पुरस्कार का विरोध करते हुए सावरकर एवं गोडसे को पुरस्कृत करने की बात कर विरोध दर्ज कराया है उनका कहना है। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व एल्डरमैन व भाजपा नेता दिनेश्वर मिश्रा ने कहां की यह निहायत निंदनीय है और इससे यह प्रमाणित होता है कि कांग्रेस केवल चुनावी हिंदू है और समय आने पर मंदिर में पूजा एवं आरती करने का ढोंग कांग्रेस करती है गीता प्रेस 100 वर्षों से सनातन धर्म के धार्मिक पुस्तकों को छाप कर कम से कम दर में आम सनातनी तक पहुंचाने का भागीरथी प्रयास करता है इस दौरान उनके प्रेस से निकली हुई कई पुस्तकें जन सेवा के क्षेत्र में भी उल्लेखनीय कार्यों पर प्रेरित होती है इनकी कई कार्यकर्ता समाज सेवा को लेकर अपना समय भी दे रहे हैंजिसकी जितनी प्रशंसा की जाए वह कम है और गीता प्रेस को प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित करने का निर्णय पूर्व में की हो जाना था पर केंद्र सरकार के द्वारा किए गए इस निर्णय से समाज में समरसता का विकास होगा कांग्रेस की संकीर्ण मानसिकता का प्रेरक बताते हुए कहा कि जब जब चुनाव आता है तो ये हिंदू समाज के अपने आपको काफी बड़े उपासक बताते हैं यह पार्टी दिनों दिन गर्त बढ़ती जा रही है पर जा रही है क्योंकि इस पार्टी का कोई ठोस एजेंडा नहीं है। उन्होंने केंद्र सरकार के प्रति धन्यवाद पत्र प्रेषित करते हुए केंद्र सरकार का सराहनीय कदम बताया है।