वनमाली सृजन पीठ का चतुर्थ राष्ट्रीय सम्मेलन भोपाल में कोरिया अंचल से तीन साहित्यकार आमंत्रित
मनेंद्रगढ़। एमसीबी। सुप्रसिद्ध कथाकार, शिक्षाविद एवं विचारक जगन्नाथ प्रसाद चौबे वनमाली के जन्मदिवस पर उनके रचनात्मक योगदान और स्मृति को समर्पित वनमाली सृजन पीठ भोपाल द्वारा दो दिवसीय चतुर्थ राष्ट्रीय सम्मेलन भोपाल में आयोजित किया जा रहा है.
01 एवं 02 अगस्त से साहित्यिक सांस्कृतिक रचना धर्मिता को बढ़ावा देने की विगत 30 वर्षों की परंपरा तथा आधुनिक आग्रहों के बीच संवाद तैयार करने की यह एक अविस्मरणीय सृजन यात्रा है. कोरिया अंचल से साहित्यकार योगेश गुप्ता, बीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, एवं गौरव अग्रवाल को इस राष्ट्रीय सम्मेलन में अपने रचनात्मक वैचारिक अनुभव के साथ शामिल होने हेतु आमंत्रित किया गया है. वनमाली सृजन पीठ, हिंदी एवं अन्य भारतीय भाषाओं के विस्तार के लिए लेखनरत साहित्यकारों को विगत 30 वर्षों से प्रतिष्ठित वनमाली राष्ट्रीय सम्मान, की परंपरा डाली है. इसमें वन्माली कथा शीर्ष सम्मान, राष्ट्रीय कथा सम्मान, प्रवासी भारतीय कथा सम्मान, तथा वनमाली विज्ञान कथा सम्मान एवं मध्य प्रदेश कथा सम्मान और युवा कथा सम्मान सहित पत्रकारिता सम्मान से अलंकृत किया जाता है. संपूर्ण भारतवर्ष में वनमाली सृजन पीठ की स्थापना की गई है जिसमें मध्यप्रदेश के भोपाल, छत्तीसगढ़ के बिलासपुर, देश की राजधानी दिल्ली, मध्य प्रदेश के खंडवा, बिहार में वैशाली, झारखंड के हजारीबाग, उत्तर प्रदेश के लखनऊ, सृजन पीठ मुख्यालय के माध्यम से साहित्यिक एवं सांस्कृतिक विकास के नये आयाम तय किए हैं. सुदूर ग्राम्यांचल एवं कस्बों के कला, साहित्य, संस्कृति एवं सामाजिक सरोकारों की गतिविधियों को बढ़ावा देने में निरंतर सक्रिय इन राज्यों में नवीन स्थापित वनमाली सृजन केन्द्रो सहित अब तक लगभग 200 केंद्रों की स्थापना जिले एवं आंचलिक स्तर पर की गई है. जिसमें आंचलिक प्रतिभाओं को उभारने और राष्ट्रीय स्तर पर उन्हें प्रस्तुत करने की कोशिश की जाती है. सभी सृजन केंद्रों की आपसी गतिविधियों को साझा करने के लिए “वनमाली वार्ता पत्रिका” का प्रकाशन ऑनलाइन किया जा रहा है. वनमाली सृजन पीठ भोपाल ने अंतरराष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव का आयोजन कर वैश्विक स्तर पर एक स्वर्णिम मुकाम बनाया है विगत दिनों मनेंद्रगढ़ में चर्चित विशाल पुस्तक यात्रा का पड़ाव छत्तीसगढ़ विश्वरंग इकाई का आयोजन था. वनमाली सृजन पीठ भोपाल के इस राष्ट्रीय आयोजन में विश्वरंग में निर्धारित संकल्पों के अंतर्गत प्रवासी साहित्य एवं संस्कृति शोध केंद्र, संस्कृत राज्य भाषा शिक्षण एवं भारतीय ज्ञान परंपरा केंद्र, लोक भाषा एवं संस्कृति केंद्र, टैगोर राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय की स्थापना एवं विस्तार जैसे विषयों पर केंद्रित विचार विमर्श मे कोरिया के साहित्यकार बीरेन्द्र कुमार श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल एवं योगेश गुप्ता कोरिया वनमाली सृजन केंद्र की ओर से अपने विचार साझा करेंगे.