शासकीय शिक्षक बस थोड़ा सा समय बच्चों के लिए निकालें तो बेहतर परिणाम मिलेंगे और शासकीय स्कूलों के बच्चे भी निजी स्कूलों से बेहतर बनेंगे-विधात्री सिंह
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी। बहुत पहले स्कूलों में सभी विषयों के अलावा नैतिक शिक्षा का भी विषय होता था जिसमें बच्चों को सामाजिक, पारिवारिक संस्कारों, नियमों से परिचित कराया जाता था अब यह विषय समाप्त हो गया है लेकिन प्राथमिक विद्यालय सिंगरौली की शिक्षिका विधात्री सिंह ने इसे व्यवहारिक रूप से पढ़ना शुरू कर दिया है, विगत दिनों से प्राथमिक विद्यालय सिंगरौली के बच्चे स्वच्छता में स्नान,साफ सुथरे गणवेश का महत्व, दांतों की सफाई, हाथ धोने का सही तरीका, नाखूनों की कटाई सीख रहे हैं साथ ही परिवार, समाज के सदस्यों से कैसे व्यवहार करना है यह भी सीख रहे हैं ।
इसी तारतम्य में बच्चों को एक दिन “कबाड़ से जुगाड़” कार्यक्रम के अंतर्गत अनुपयोगी सामग्री से काम की चीजें बनाकर बताई गई बच्चों ने उत्साहपूर्वक कई चीजों का निर्णय किया ।
विधात्री सिंह का कहना है कि यदि शासकीय शिक्षक बस थोड़ा सा समय बच्चों के लिए निकालें तो बेहतर परिणाम मिलेंगे और शासकीय स्कूलों के बच्चे भी निजी स्कूलों से बेहतर बनेंगे ।
ध्यातव्य है कि प्रा.शाला सिंगरौली की शिक्षिका विधात्री सिंह निरंतर नवाचार से छात्र छात्राओं को पढ़ाती हैं और शिक्षा के प्रति उनकी रुचि व उत्साह बनाए रखती हैं ।