जीवन शैली प्रबंधन एवं संतुलित आहार का महत्वः व्याख्यान आयोजन
स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ मन का निर्माण करता है
मनेन्द्रगढ़ । शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ के गृहविज्ञान विभाग द्वारा डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई प्राचार्य एवं विभागाध्यक्ष गृहविज्ञान के संयोजन में महाविद्यालय में जीवन शैली प्रबंधन एवं संतुलित आहार का महत्व विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। व्याख्यान की मुख्य वक्ता श्रीमती ममता लकड़ा हॉलीक्रास महिला महाविद्यालय अम्बिकापुर द्वारा विषय पर उद्बोधन देते हुए कहा कि – स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ मन का निर्माण करता है। अतः हमें जीवन शैली प्रबंधन के अंतर्गत प्रातः से लेकर रात्रि तक की दिनचर्या को व्यवस्थित बनाना अनिवार्य होता है, यदि हम प्रातः जल्दी उठना, रात्रि को जल्दी सोना, व्यायाम, पैदल चलना, योग प्राणयाम आदि नियमित रूप से करते है तो हमारी रोगप्रतिबंधक शक्ति बढ़ती जाती है जिससे हम कई बीमारियों से बचे रहते हैं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रही डॉ. विश्नोई ने कहा कि – फास्ट फूड का प्रचलन जब से बढ़ा है युवा वर्ग बीमारियों से ग्रसित हो रहा है, यदि हम घर का बना सादा एवं ताजा खाना खाते है तो कई बीमारियों से बच सकते हैं। सादे और ताजे खाने का जीवन को स्वस्थ रखने में बड़ा योगदान होता है। उन्होनें कहा कि – डब्ल्यू.एच.ओ. के अनुसार एक स्वस्थ व्यक्ति वह है जो शारीरिक एवं मानसिक तथा सामाजिक रूप से स्वस्थ हो। हम जीवन शैली को अच्छा बनाते हुए ताजा सन्तुलित आहार ग्रहण करें तो हमारा शरीर स्वस्थ एवं रोगमुक्त रहता है।
इस अवसर पर गृहविज्ञान स्नातक स्तर के समस्त छात्र-छात्रायें, महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. श्रावणी चक्रवर्ती, सुशील कुमार तिवारी, श्रीमती प्रभा राज, डॉ. अरूणिमा दत्ता, श्रीमती स्मृति अग्रवाल, डॉ. नसीमा बेगम अंसारी, सुनील गुप्ता, कमलेश पटेल, शरणजीत कुजूर एवं सरस्वती कन्या महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ से सुश्री सविता, सुश्री भावना, श्रीमती सुषमा श्रीवास्तव, सुश्री शिखा उपाध्याय, सुश्री यासमीन, सुश्री भारती, सुश्री शिवानी उपस्थित रहें। साथ ही विवेकानन्द महाविद्यालय से अतिथि व्याख्यातागण पुष्पराज सिंह, नफीसा बानो, रामनिवास गुप्ता, डॉ. रामजी, शुभम सहित महाविद्यालय के कर्मचारीगण मनीष श्रीवास्तव, सुनीत जॉनसन बाड़ा, बी.एल. शुक्ला, पी.एल. पटेल, कमलू, हेमन्त, भोले प्रसाद, सतीश सोनी कार्यक्रम में उपस्थित होकर लाभान्वित हुए। कार्यक्रम के अंत में डॉ. विश्नोई ने सभी के प्रति आभार व्यक्त किया।