रोहनागुड़ा पंचायत में विधायक मद से निर्माण लाखो की सीसी चढ़ी भ्रष्टाचार की भेंट
देवभोग। गरियाबंद। सीसी सड़क बनाने के लिए सरकार लाखो रुपए खर्च करती हैं लेकिन वह लाखो रुपए निर्माण एजेंसी और अधिकारियों के बीच बंदरबांट की भेंट चढ़ जाता है ऐसा ही मामला देवभोग ब्लॉक के अंतर्गत रोहनागुडा पंचायत में देखने को मिल रहा है क्योंकि इस पंचायत में विधायक मद से निर्माण गुणवत्ताहीन सड़क की पोल महज 4 माह में खुल गई है सड़क जगह जगह फटने के साथ दरार भी हो रही हैं फिर भी मूल्यांकन सत्यापन मे किसी प्रकार कार्यवाही नही होती जानकारी अनुसार विधायक मद के तहत रोहनागुड़ा के वार्ड क्रमांक 5 मे 5 लाख की सीसी सड़क स्वीकृत किया गया जिसे निर्माण एजेंसी ने 2 मार्च को शुरू कर 26 मार्च को पुर्ण कर दिया लेकिन इस सड़क मे ना माफदंड का ख्याल रखा और गुणवत्ता का तभी आज मात्र 4 माह में सड़क खस्ताहाल हो गया है नियमानुसार सड़क की चौड़ाई 3.17 होनी चाहिए इसके अलावा 17 सेंटीमीटर की थिकेंस होनी है लेकिन इस सड़क मे यह प्रावधान को बिलकुल भी पालन नही हुआ है कहीं चौड़ाई में 3.17 से कम किया है तो कही थीकेंस 17 से कम देखी गई है इसके अलावा गुणवत्ता से भी निर्माण एजेंसी ने समझौता किया है तभी आज सड़क फटने के साथ दरार भी पड़ रही है जिसका प्रमुख कारण सड़क निर्माण के बाद पानी की तराई नही करने के साथ साथ प्रॉपर कंपेशन नही करने को माना जाता है इस बीच ग्रामीणों का यह भी मानना है कि वर्तमान सड़क की हालत देख था सीसी सड़क अधिक दिनों तक नही टिकने का दावा करते हैं क्योंकि 4 माह में ही सड़क दम तोड़ने की कगार पर है ऐसे सालो सड़क टिकने की उम्मीद किस तरह किया जा सकता है
पुल के ऊपर सड़क निर्माण से नुकसान की संभावना वार्ड क्रमांक 5 से तालाब मार्ग में सीसी सड़क बनाने से पहले निर्माण एजेंसी द्वारा मनरेगा के तहत् 3 लाख 54 हजार की अलग अलग पुलिया बनाया है और इस पुलिया ऊपर ही सीसी सड़क बना दिया है ऐसे में यह पुल को भी नुकसान होने की पूरी संभावना बनी है जिसे देखकर भी जिम्मेदार आंख बन्द कर बैठे हैं जबकि इस्टीमेंट तहत् बनवाने के लिए साइड इंचार्ज के अलावा एसडीओ की पदस्थापना हैं मगर अफसोस की बात है अधिकारियो मौजूदगी में यह गुणवत्ताहीन सड़क को माफदंड का पालन करे बनावा दिया बकायदा मूल्यांकन सत्यापन कर राशि निकलने की चर्चा भी हो रही है जबकि निर्माण एजेंसी सड़क निर्माण में लाफरवाही बरतने के साथ राहगीरों के सहुलियत के बनाया पुल को भी खतरे में डाल रखा है जिसकी परवाह ना जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों को है और ना अधिकारियों को तभी आंख बंद गुणवत्ताहीन और माफदंड के विपरीत सड़क निर्माण को अंजाम दिया गया