छत्तीसगढ़

इन साढ़े चार में शैलेश पांडेय ने विकास का कोई प्लान नही बनाया और न ही उन पर कोई काम किया? विधायक शैलेश ने अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य,शिक्षा,बिजली,कानून व्यवस्था पर कोई काम नही किया?

शैलेश ने हर किसी को आश्वासन के सिवाय कुछ नही दिया? (गोविन्द शर्मा पत्रकार की रिपोर्ट)

Ghoomata Darpan

बिलासपुर:- प्रदेश का दूसरा सबसे बड़ा शहर बिलासपुर जिसका प्रदेश में एक महत्त्वपूर्ण स्थान है बिलासपुर हमेशा राजनीतिक दृष्टिकोण से मजबूत माना जाता रहा है यहाँ के नेताओ की सुनी भी जाती रही है मध्यप्रदेश के समय से बिलासपुर को ज्यादा महत्व दिया गया कांग्रेस के शासन काल में स्व.बी आर यादव, स्व .अशोक राव, स्व.बंशीलाल धर्तलहरे, स्व .राजेन्द्र प्रसाद शुक्ल जैसे कद्दावर नेता रहे जिनकी बात हमेशा सुनी गई,उसके बाद छत्तीसगढ़ बनने के बाद भाजपा के शासन में बिलासपुर से अमर अग्रवाल विधायक कद्दावर नेता थे कई विभाग के मंत्री भी थे सभी ने अपने अपने स्तर में शहर विकास में स्वास्थ्य,शिक्षा,कानून व्यवस्था दुरस्त रखने लिए कार्य किया और शहर में हमेशा से अमन चैन रहा है लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के बाद एक ऐसे व्यक्ति को जनता ने चुना जिसने 6 माह पहले ही राजनीति में कदम रखा शिक्षाविद रहे शैलेश इसके पहले कभी किसी राजनीतिक कार्य में भाग नही लिया अचानक आगमन होने पर जनता ने उन्हें हाथो हाथ लिया इसके अलावा भाजपा शासन के खिलाफ पूरे प्रदेश में माहोल बना हुआ था जिसका फायदा शैलेश पांडेय को भी मिला और कांग्रेस भारी बहुमत सरकार बनाने में कामयाब हुई लेकिन उसके बाद जैसे बिलासपुर को मानो ग्रहण लग गया पहली बार बिलासपुर जिले से किसी को मंत्री मंडल में स्थान नही मिला ज्यादा उम्मीदवार पहली बार जीत कर आए थे इसलिए कहा गया और दूसरे जिलों को महत्त्व मिला रही सही कसर शैलेश पांडेय विधायक बिलासपुर ने पूरी कर दी जिनके कार्यकाल में बिलासपुर की कानून व्यवस्था ध्वस्त सी हो गई,स्वास्थ्य विभाग सिम्स,जिला अस्पताल का हाल जितना इनके कार्यकाल में खस्ता हाल हुआ हैं उतना कभी नही रहा,बिजली की आंख मिचौली की बात ही कुछ अलग हैं जिस बिलासपुर में पांच मिनिट से ज्यादा बिजली नही जाती थी वहा अभी ऐसा हो गया है की घंटो बिजली की कटौती होती है जिसके चलते आमजनता इतना त्रस्त हो चुकी हैं मत पूछो,वही व्यापारी अलग परेशान छोटे मोटे उद्योग वालो का रोजगार भी चौपट होने की कगार में आ गया है लेकिन वर्तमान विधायक इन सब को देखते हुए सिर्फ आश्वासन देने के सिवाय कुछ करने पाने की स्थिति में नही नजर आ रहे हैं।
बिलासपुर में ऐसी चर्चा आम है विधायक शैलेश पांडेय कहते है हमारी सुनी नही जाती जिसकी सच्चाई कितनी है ये खुद पांडेय ही बता पाएंगे इन सबके चलते बिलासपुर का विकास रुक सा गया हैं और विधायक सिर्फ आश्वासन के सिवाय कुछ भी नही दे पा रहे है,बिलासपुर इन सब का खामियाजा भुगत रहा हैं।अब देखना है की इस वर्ष होने वाले विधासभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने फिर से शैलेश पांडेय को अपना उम्मीदवार बनाया तो जनता ऐसे कमजोर विधायक को फिर से चुनेगी या उन्हे बाहर का रास्ता दिखाएगी और एक ऐसे विधायक को चुनेगी जो बिलासपुर के विकास को आगे बढ़ाएगा और आश्वासन न देकर जनता के कार्यों को गंभीरता से लेगा ।


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