कौशल विकास यात्रा का आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर में हुआ भव्य स्वागत
सभी डिप्लोमा और डिग्री कोर्सेज अगर मान्यता प्राप्त संस्था से करेंगे। तभी आगे भविष्य में वह काम आएंगे - विकास रवि
मनेन्द्रगढ़।एमसीबी।हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी कौशल विकास यात्रा 2024 का आगमन मनेंद्रगढ़ शहर के आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर में हुआ। कौशल विकास और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में पिछले 39 वर्षों में निरंतर कार्य कर रही संस्था आईसेक्ट द्वारा छात्रों में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के प्रति जागरूकता लाने एवं कॅरियर काउंसलिंग के उद्देश्य से देशव्यापी कौशल विकास यात्रा दिनांक 9 सितंबर से पूरे देश में आयोजित की जा रही है। देश के 22 राज्यों के 300 जिलों में संचालित की जा रही ये यात्रा 24 सितम्बर को मनेंद्रगढ़ में आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर पहुंची जहां समन्वयक संजीव सिंह, संस्था के स्टॉफ तथा आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर के विद्यार्थियों ने इस कौशल विकास यात्रा का मनेंद्रगढ़ के बस स्टैंड में भव्य स्वागत किया और आईसेक्ट के सभागार में कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया कार्यक्रम में कौशल विकास यात्रा लेकर आए रीजनल मैनेजर और यात्रा कोऑर्डिनेटर विकास रवि, असिस्टेंट मैनेजर चन्द्रशेखर गुप्ता, बिजनेस डेवलपमेंट एग्जीक्यूटर रोशनलाल चंद्रा एवं शहर के जाने-माने साहित्यकार वीरेंद्र श्रीवास्तव, पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रवीण निशी एवं संस्था के संचालक संजीव सिंह मौजूद रहे तथा आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर का सभागार विद्यार्थियों से भरा रहा। तत्पश्चात शासकीय कन्या उ.मा. विद्यालय में भी सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें स्कूल के प्रिन्सिपल सत्येंद्र सिंह द्वारा कौशल विकास यात्रा का स्कूल में स्वागत किया गया जहाँ स्कूल के स्पोर्ट्स टीचर सुमित जायसवाल, चंदन केवट, टी. विजय गोपाल राव तथा स्कूल के सैकड़ों विद्यार्थि मौजूद थे यात्रा में साथ चल रहे विषय विषेषज्ञों ने विद्यार्थियों को कौशल विकास का महत्व बताते हुये करियर मार्गदर्शन प्रदान करने के साथ ही विद्यार्थियों को एफिलिएटिड संस्थाओं जो मान्यता प्राप्त हैं उनसे ही अध्ययन प्राप्त करने की बात कही और उनकी जिज्ञासाओं का समाधान किया। इस मोके पर अतिथि रहे पत्रकार संघ के अध्यक्ष प्रवीण निशि तथा साहित्यकार वीरेंद्र श्रीवास्तव ने विद्यार्थियों से कहा कि कौशल विकास रोजगार पाने की राह में एक मुख्य साधन है। कौशल के महत्व को भारत सरकार भी रेखांकित कर रही है और डेमोग्राफिक डिविडेंड का लाभ उठाने के लिए लोगों को कौशल विकास के प्रति जागरूक कर रही है। ऐसे में प्रत्येक विद्यार्थी का यह ध्येय होना चाहिए के वे स्वयं को उद्योग जगत की आवश्यकता अनुरूप खुद को कौशल से युक्त बनाएं। इससे वे स्वंय के करियर को दिशा प्रदान करने के साथ भारत की प्रगति में भी योगदान दे पाएंगें इस दौरान आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर के संचालक संजीव सिंह के द्वारा कार्यक्रम में विद्यार्थियों को कौशल विकास का महत्व बताते हुए शासकीय एवं अन्य योजनाओं जैसे प्रधानमन्त्री कौशल विकास योजना, मुख्मंत्री कौशल विकास योजना, डिजिटल साक्षरता इत्यादि को जानकारी प्रदान की गई। यात्रा के साथ आए रीजनल मैनेजर विकास रवि ने बताया कि कौशल विकास यात्रा कई वर्षों में आईसेक्ट द्वारा युवाओं को कौशल विकसित करने के महत्व को समझाने के लिए एक अनूठा प्रयास कर रहा है, जिसे विभित्र राष्ट्रय एजेंसियों द्वारा पुरस्कृत भी किया गया हैं। इस यात्रा में आईसेक्ट की नवीन गतिविधि जैसे बैंकिंग, आधार, ऑनलाइन टोल भुगतान, स्कूल कंटेंट, प्ले स्कूल, आईसेक्ट लर्निंग, आनलाईन प्रो कोर्सेस, जीवन बीमा, आनलाईन सेवाएँ रोजगार मंत्रा पोर्टल इत्यादि से शाखाओं एवं छात्रों को अवगत कराया गया। कार्यक्रम का संचालन उज्जवल सिंह द्वारा किया गया तथा आईसेक्ट एजुकेशन सेंटर के अन्य स्टाफ मेंबर द्वारा अभार प्रदर्शन किया गया जिसमें स्वाति सिंह, अंजना मौर्य,पूर्णिमा, खुशी साहू, नरेंद्र कौर और क्षितिज खरे सहित अन्य केंद्र समन्वयक भी उपस्थित रहे तथा कार्यक्रम की व्यव्स्था बनाने में संस्था के विद्यार्थियों जैसे शाश्वत पांडे, सिमरन सिंह,रागिनी यादव तथा इशिता सिंह की महत्त्वपूर्ण भूमिका रही। गौरतलब हैं कि 9 सितंबर में शुरू होने वाली यह यात्रा 22 राज्यों के 300 जिलों तक पहुंचेगी जहां इसमें आईसेक्ट और
एस.एस.डी.सी. पार्टनरशीप में संचालित किए जा रहे पाठ्यक्रमों की जानकारी और आईसेक्ट विश्वविद्यालय समूह द्वारा चलाए जा रहे कोर्सेस से छात्रों को अवगत कराया जा रहा है। साथ ही आईसेक्ट के अंतर्गत संचालित फ्यूचर स्किल कोर्सेस की भी जानकारी दी जा रही है। इसके लिए आईसेक्ट द्वारा वाहनों को विशेष रूप से तैयार किया गया है। इन वाहनों पर कौशल विकास से संबंधित विभिन्न योजनाओं को ब्रांडिंग से सुसन्जित किया गया है। माथ ही इन यात्रा वाहनों में कौशल विकास की योजनाओं से संबंधित प्रचार सामग्री उपलब्ध हैं जो कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों में वितरित की जा रही है ।
उलेखनीय है कि आईसेक्ट और भारत सरकार के उपक्रम के हुए समझौते के अंतर्गत विभिन्न कम्प्यूटर पाठयक्रमों में प्रवेश प्रारंभ हो गए हैं। इसमें 250 से अधिक डिप्लोमा पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है।