सुरक्षा की बड़ी चूक बड़ी दुर्घटना हो सकती थी खोंगापानी माइंस के अंदर लगी आग
अधिकारियों की लापरवाही जांच का विषय
मनेंद्रगढ़/एम सी बी/SECL साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड हसदेव क्षेत्र के उपक्षेत्र वेस्ट जे के डी माइंस खोंगापानी माइंस के अंदर अचानक शार्ट सर्किट से 4 नंबर बेल्ट के मोटर एवं इलेक्ट्रिक पैनल जलकर खाक हो गया और देखते देखते बेल्ट और केबिल भी आग के हवाले होने लगे भड़कती आग से पुरे माइंस में हड़कंप मच गया और पुरे माइंस के अंदर धुंए का कोहरा छा गया और जहरीली गैस का रिसाव होने लगा माइंस के अंदर मजदूरों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी किसी तरह से मजदूर वहां से भागकर अपनी जान बचाए। सूचना मिलते ही रेसक्यू टीम को बुलाया गया। 13 ठेकेदारी मजदूर एवं 7 परमानेंट मजदूरों के अंदर फंसे होने की संभावना बताई जा रही थी जिसे रात्रि 12 बजे रेस्क्यू टीम के द्वारा बाहर निकाला गया । क्या अधिकारियों की लापरवाही से यह शार्ट सर्किट हुआ या कुछ और ही इस दुर्घटना की वजह थी जो कि जांच का विषय है खदान के अंदर बारूद और गोल्ड डस्ट भी रहता है बहुत ही बड़ी दुर्घटना होते होते बची है आखिर मैं सूरत से कितनी बड़ी चूक कैसे हो गई इसके जिम्मेदार कौन कौन है जबकि सेफ्टी के नाम पर SECL करोड़ों रुपए खर्च करती है उसके बाद भी इतनी बड़ी लापरवाही उजागर हुई है
उसके बाद भी सेकेंड पाली में जबरदस्ती ठेका मजदूरों को कंधे पर रेत की बोरी लादकर माइंस के अंदर आग बुझाने के लिए भेजा गया जब कि उन्हें पता था कि माइंस में आग लगी हुई है उनके द्वारा कहा गया कि अगर ड्यूटी में नहीं जाओगे तो ड्यूटी बंद कर दूंगा ठेका मजदूरों की जान से खिलवाड़ करते ये अधिकारी ठेका मजदूरों का शोषण और प्रताड़ित कर रहे हैं ।