छत्तीसगढ़

सोलर लाईट से वसूली हुई क़रीब 45 लाख से ज़्यादा कि राशि को पंचायतों द्वारा विकास के नाम पर बंदरबाट,वसूली गई करीब 45 लाख से ज़्यादा कि राशि का धरातल में नहीं हुए कार्य

रोशन लाल अवस्थी की कलम से

Ghoomata Darpan

देवभोग।गरियाबंद। देवभोग जनपद के 16 पंचायतों ने वर्ष 2020/21में 14 वें वित्त के राशि से बिना कार्ययोजना तैयार कर और बगर जीपीडीपी में लेते हुए भारी भरकम राशि से पंचायतों में लाखों कि राशि का सोलर लाईट लगवा डाली थी लेकिन जब सोलर लाईट क्रय मामले में अनियमीतता मिलने के बाद प्रशासन द्वारा देवभोग ब्लॉक के 16 पंचायतों के खिलाफ़ शिकंजा कसना शुरू कर दिया। प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 वें वित्त योजना मद से सरपंच, सचिव के द्वारा बड़े पैमाने पर पंचायतों में सोलर लाईट का क्रय हुआ था। जिसमें अनियमितता मिलने पर जिला प्रशासन के द्वारा ममाले कि जांच कराई गई थी।

जांच में दोषी पाए जाने के बाद सभी 16 पंचायतों के द्वारा लगाए गए कुल राशि करीब 55 लाख कि वसूली के लिए नीलामी पत्र चलाने कि प्रक्रिया कि गई जिसके तहत् सोलर लाईट लगाए हुए 16 पंचायतों के सरपंच सचिव के खिलाफ़ नोटिस जारी करते हुए नियम विरूद्ध लगाए गए सोलर लाईट कि राशि का वसूली हुई जिसमें लगभग सभी पंचायतों के सरपंच सचिव के द्वारा खरीदी कि गई सोलर लाईट के राशि को पुनः 14 वें वित्त योजना में जमा कर दिया गया।16 पंचायतों में से झाखरपारा और कदलीमुडा ऐसे दो पंचायत है जो अब तक कुल राशि जमा नहीं कर पाए है इसके बादभी उच्च अधिकारी के द्वारा इन पर किसी तरह कि कोई ठोस कार्रवाई नहीं कि जा रही है बाकि राशि जमा किए गए 12 पंचायतों के प्रकरण को नस्तीबद्ध कर लिया गया है।

जब हमारे संवाददाता राशि जमा किए गए सचिवों से इस सम्बंध में जानकारी ली तो उनका कहना है कि हमने 14 वें वित्त योजना में उस राशि को पुनः जमा कर दिए और बकायदा कार्ययोजना तैयार कर और जीपीडीपी में लेकर उस राशि को पंचायतों के विकास कार्यों में खर्च किए है जिसमें साफ सफ़ाई से लेकर पंचायतों के अन्य कई गतिविधियों है।
लेकिन इसके विपरित अगर कार्य कि बात करें तो इन राशि का धरातल में कार्य होता नहीं दिख रहा है राशि का धरातल में काम भी हुआ है तो महज नहीं के बराबर है। केवल सरपंच सचिव के द्वारा काम के नाम पर खानापूर्ती कि गई है राशि का कार्योजना तैयार कर काम के नाम पर बंदरबाट किया गया है। केवल कागजों में ही योजना तैयार कर विकास कि गाथा लिखी गई है। जिन पंचायतों के खिलाफ़ सोलर लाइट प्रकरण थे उनमें फलसापारा, कदलीमुड़ा, झाखरपारा, खुटगांव,रोहनागुडा, सीनापाली, गिरसूल, खोखसरा, माडागांव, देवभोग, दिवानमुड़ा, सुकलीभाठा पुराना, करचिया, पुरना पानी, कोडोभाठा, और कुम्हड़ाईखुर्द

इस भारी भरकम भ्रष्टाचार का अगले अंको में परत दर परत खुलासा होगा ताकि सरकारी योजनाओं का सही तरीके से पंचायतों में कार्य हो सकें और लोगों को रोजगार मिल सकें।


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