अब आरक्षक भी कर सकेंगे अपराध विवेचना, वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण के दायित्व सौंपने से पूर्व प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न,एसपी कोरिया ने जिले के वरिष्ठ आरक्षकों के लिए तीन दिवसीय कार्यशाला का किया आयोजन
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण कार्यों के संबंध में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी और विधिसम्मत तरीके से कर सकें। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण की प्रक्रिया और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया।
बैकुण्ठपुर।कोरिया । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, उन वरिष्ठ आरक्षकों को, जिन्हें क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्रदान किया गया है, भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत उल्लिखित अपराधों का अन्वेषण करने का उत्तरदायित्व सौंपा गया है। इस अधिसूचना में विशेष रूप से भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 5, 6, 11, 12, 13, 14, 15 और 17 के अंतर्गत आने वाले अपराध शामिल हैं।
इस अधिसूचना के अनुपालन में, जिला कोरिया के पुलिस अधीक्षक सूरज सिंह परिहार द्वारा जिले के क्रमोन्नत वेतनमान मैट्रिक्स-06 प्राप्त वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अन्वेषण का दायित्व सौंपने से पूर्व सम्पूर्ण जिले के लिए चरणवार 60-60 के मान से तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यशाला दिनांक 16 अगस्त 2024, 17 अगस्त 2024 और 18 अगस्त 2024 को रक्षित केंद्र बैकुंठपुर के कॉन्फ्रेंस हॉल में तीन चरणों में सम्पन्न हुई। कार्यशाला का समय सुबह 12:30 बजे से शाम 6:40 बजे तक था।
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण कार्यों के संबंध में आवश्यक ज्ञान और कौशल प्रदान करना था, जिससे वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन अधिक प्रभावी और विधिसम्मत तरीके से कर सकें। कार्यशाला के दौरान वरिष्ठ आरक्षकों को भारतीय न्याय संहिता, 2023 के विभिन्न अध्यायों के अंतर्गत अपराधों के अन्वेषण की प्रक्रिया और उससे संबंधित कानूनी प्रावधानों पर गहन प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण कार्यशाला में डीएसपी राजेश साहू ने वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 5, जिसमें महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध शामिल हैं, तथा अध्याय 14, जिसमें मिथ्या साक्ष्य और लोक न्याय के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है, पर विस्तृत जानकारी और प्रशिक्षण प्रदान किया। इन मामलों में संवेदनशीलता और प्रभावी अन्वेषण की आवश्यकता पर विशेष ध्यान दिया गया।
इसी प्रकार प्रशिक्षु डीएसपी रविकांत सहारे और उप निरीक्षक राजेश तिवारी ने वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 12, जिसमें लोक सेवकों द्वारा या उनसे संबंधित अपराध शामिल हैं, तथा अध्याय 13, जिसमें लोक सेवकों के विधिपूर्ण प्राधिकार के अवमान के विषय में अपराधों का उल्लेख है, पर प्रशिक्षित किया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य वरिष्ठ आरक्षकों को इन अपराधों की जटिलताओं को समझने और विवेचना के दौरान प्रभावी निर्णय लेने के लिए तैयार करना था।
उक्त कार्यशाला में निरीक्षक विपिन लकड़ा और उप निरीक्षक बालेश्वर महानंदी ने वरिष्ठ आरक्षकों को अध्याय 11, जिसमें लोक प्रशांति के विरुद्ध अपराध शामिल हैं, और अध्याय 17, जिसमें संपत्ति के विरुद्ध अपराधों का उल्लेख है, पर प्रशिक्षण प्रदान किया।
इसके अतिरिक्त, लोक अभियोजन अधिकारी बैकुंठपुर हरेन्द्र पाण्डेय और सहायक लोक अभियोजन अधिकारी बैकुंठपुर मनोज प्रताप सिंह ने अध्याय 6, जिसमें मानव शरीर पर प्रभाव डालने वाले अपराध, और अध्याय 15, जिसमें लोक स्वास्थ्य, क्षेम, सुविधा, शिष्टता और सदाचार पर प्रभाव डालने वाले अपराधों का विवरण है, पर प्रशिक्षण दिया।
इस प्रशिक्षण कार्यशाला के आयोजन से वरिष्ठ आरक्षकों को विभिन्न कानूनी और विवेचना संबंधी पहलुओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त हुई, जिससे वे अपने अन्वेषण कार्यों को अधिक कुशलता और कानूनी प्रक्रिया के अनुसार अंजाम दे सकें। पुलिस अधीक्षक कोरिया द्वारा इस प्रशिक्षण के लिए एक विस्तृत टाइम टेबल तैयार किया गया था, जिसमें भारतीय न्याय संहिता के विभिन्न धाराओं का व्यापक रूप से अध्ययन कराया गया। इस कार्यशाला के माध्यम से, वरिष्ठ आरक्षक न केवल कानूनी प्रक्रिया और प्रावधानों की गहरी समझ प्राप्त करने में सक्षम हुए, बल्कि वास्तविक जीवन के परिदृश्यों में इन प्रावधानों को कैसे लागू किया जाए, इसका भी अभ्यास किया। इस सफल प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से वरिष्ठ आरक्षकों को अन्वेषण के क्षेत्र में कुशल और सक्षम बनाया गया है।