मेरी माटी मेरा देश अभियान अंतर्गत अमृत कलश यात्रा एवं पंच प्रण शपथ का आयोजन
मनेंद्रगढ़।एमसीबी।मेरी माटी मेरा देश अभियान अंतर्गत शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में प्राचार्य सह कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई के संयोजन एवं डॉ. नसीमा बेगम अंसारी एवं कमलेश पटेल के सह-संयोजन में अमृत कलश यात्रा का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ राष्ट्रीय सेवा योजना प्रतीक पुरूष स्वामी विवेकानन्द की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं द्वीप प्रज्ज्वलन कर डॉ. विश्नोई द्वारा किया गया, तत्पश्चात् पंच प्रण प्रतिज्ञा दिलाई गई कि “हम सुसंकार एवं व्यक्तित्व निर्माण तथा देश को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए मंशा, वाचा, कर्मणा सदैव तत्पर एवं प्रयत्नशील रहेंगे। दासता एवं औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी प्रतीक को हम अपने आचार व्यवहार से दूर रखेंगे। हमें गर्व है कि अपने देश की अनमोल विरासत एवं सार्वभौम परम्परा पर और हम निरंतर गौर्वान्वित होकर इस मनोभाव को अंगीकार करेंगे। देश की एकता एवं अखण्डता को अक्षुण्य बनाये रखने हेतु सदैव एवं अनवरत् प्रयत्नशील होकर देश को विघ्नकारी तत्वों सें सुरक्षित रखने हेतु अहर्निश प्रयासरत् रहेंगे। एक जागरूक नागरिक होने के नाते हम अपने उत्तरदायित्व एवं कर्त्तव्यबोध के प्रति जागरूक होकर समाज एवं देश के विकास हेतु सदैव प्रयत्नशील रहेंगे।” शपथ के उपरान्त अमृत कलश लेकर छत्तीसगढ़ महतारी के स्वरूप में राष्ट्रीय सेवा योजन की छात्रायें शालिनी वर्मन, नीलवती ने प्राचार्य से चावल एवं मिट्टी अमृत कलश में डलवाया। तत्पश्चात् अमृत कलश यात्रा में राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्रा द्वारा महाविद्यालय के प्रत्येक कक्ष एवं परिसर में भ्रमण करते हुए सभी छात्र-छात्राओं, अधिकारी एवं कर्मचारियों के पास गये जिसमें उनके द्वारा अपने-अपने गांव, घर से लेकर लाये गये एक-एक मुट्ठी चावल या मिट्टी को डाला गया। अमृत कलश यात्रा को सफल बनाने में डॉ. श्रावणी चक्रवर्ती, डॉ. नसीमा बेगम अंसारी, श्रीमती अनुपा तिग्गा, शरणजीत कुजूर, अवनीश गुप्ता, मनीष कुमार श्रीवास्तव, सुनीत जाँनसन बाड़ा, श्रीमती मीना त्रिपाठी सहित राष्ट्रीय सेवा योजना के छात्र-छात्राओं का योगदान रहा जिसमें शिवम मिश्रा, नागेश्वर यादव, रागिनी यादव, शुभम शिवेन्द्र पाण्डेय, रंजना, पायल, स्वास्तिका, जयप्रकाश, सीमा, दुर्गा, बालकृष्ण, अभय ओझा ने सराहनीय भूमिका निभाई।