छत्तीसगढ़

राष्ट्रीय सूत्र सम्मान समारोह” महासमुंद मे मनेन्द्रगढ़ संबोधन की भागीदारी

रचनात्मक साहित्य उत्सव का एक ऐतिहासिक दस्तावेज

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मनेन्द्रगढ़।एमसीबी। छत्तीसगढ़ के महासमुंद में आयोजित  “सूत्र सम्मान समारोह” रचनात्मक साहित्य उत्सव की  एक ऐतिहासिक तारीख बन गई.  देश भर  के बहुचर्चित साहित्यकारों की उपस्थिति में इस कार्यक्रम में बागबहरा से  रजत कृष्ण,रायपुर से चर्चित उपन्यासकार एवं समीक्षक सुखनंदन सिंह धुर्वे “नंदन”, अशोक शर्मा, भागवत जगत, डी बसंत साव, शरद काकोश, सूत्र सम्मान के प्रणेता और समकालीन सूत्र पत्रिका के संपादक विजय सिंह , नासिर अहमद सिकंदर एवं साहित्यकार श्रीमति सरिता सिंह   रायपुर से नंदन जी, रायपुर  के संभागायुक्त  संजय अलंग  सहित संबोधन मनेन्द्रगढ़ के साहित्यकार बीरेन्द्र श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल एवं बिलासपुर से सरदार दलजीत सिह कालरा ने राष्ट्रीय सूत्र सम्मान के आयोजन के रचनात्मक साहित्य उत्सव में उपस्थित देश भर के सैकडों साहित्यमनीषी एवं हिन्दी प्रेमी श्रोताओं की  सम्मिलित भागीदारी ने अरुणाचल प्रदेश की लेखिका डॉ.  जमुना बीनी को दिए जाने वाले इस *सूत्र सम्मान*  आयोजन को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया.


बहु चर्चित साहित्यकार एवं संभागायुक्त रायपुर  संजय अलंग के मुख्य आतिथ्य एवं दुर्ग वि.वि. के कुलसचिव एवं वरिष्ठ साहित्यकार डा. भूपेन्द्र कुलदीप की अध्यक्षता में छत्तीसगढ़ महासमुंद जिले की संस्था काव्यांश साहित्य एवं कला पथक संस्थान एवं समकालीन सूत्र परिवार के संयुक्त आयोजन का यह रचनात्मक साहित्य उत्सव एक ऐतिहासिक दस्तावेज बन गया.  साहित्य समागम के इस बृहद कार्यक्रम में छ.ग. प्रशासन सचिव एवं वरिष्ठ  साहित्यकार  माननीय त्रिलोक महावर एवं ईश्वर शर्मा की विशिष्ठ उपस्थिति ने इसे गौरवान्वित किया. छ.ग. की 47 वर्षों की  साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था संबोधन साहित्य एवं कला विकास संस्थान मनेन्द्रगढ़ के साहित्यकार बीरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, गौरव अग्रवाल एवं संबोधन के पूर्व अध्यक्ष सरदार दलजीत सिंह कालरा ने सूत्र के आमंत्रण पर इस कार्यक्रम मे भागीदारी की.

रंगमंचीय आवाज के धनी आमोद श्रीवास्तव के सफल संचालन में अतिथियों के प्रेरक उद्गागर के साथ *सूत्र सम्मान* विजेता डा. जमुना बीनी ने अपने उद्बबोधन में अपनी रचनाधर्मिता के साथ साथ अरुणाचल प्रदेश के आदिवासी जन जातियों की सांस्कृतिक, साहित्यिक एवं  सामाजिक जनजीवन के विभिन्न पक्षों की ऐसी तस्वीर प्रस्तुत की जिसमे उपस्थित साहित्यिकारों ने पूरे अरुणाचल प्रदेश को बहुत नजदीक  से महसूस किया.
कार्यक्रम के दूसरे सत्र मे आयोजित विशिष्ठ कवि परिचय एवं काव्य पाठ मे मनेन्द्रगढ़ के साहित्यिक पहचान बन चुके गौरव अग्रवाल, बीरेन्द्र श्रीवास्तव, एवं बिलासपुर से शामिल साहित्यकार सरदार दलजीत सिह कालरा ने अपनी रचना प्रस्तुति से संबोधन के साहित्यक उँचाईयाँ का परिचय दिया. जिसकी  उपस्थित श्रोताओं एवं   रचनाकारों द्वारा सराहना की गई. इस अवसर पर 2023-24  प्रकाशन वर्ष के  *समकालीन सूत्र*  पत्रिका के द्वितीय अंक का विमोचन किया गया. इस अंक मे बीरेन्द्र श्रीवास्तव के कविता संग्रह “आज का एकलव्य” पर कोरबा के समीक्षक डा. प्रशांत तिवारी द्वारा की गई समीक्षा को  भी स्थान मिला है। इस सुखद अवसर पर डा. जमुना बीनी को छ.ग. के सरगुजा आदिवासी अंचल के रचनात्मक तेवर से परिचित कराने हेतु संबोधन संस्थान सदस्यों द्वारा  *आज का एकलव्य* काव्य- संग्रह की एक प्रति भेंट की गई एवं सरगुजा के आदिवासी जनजीवन को नजदीक से जानने हेतु संबोधन संस्था की ओर से संस्थापक सदस्य बीरेन्द्र श्रीवास्तव द्वारा उन्हें मनेन्द्रगढ़ आमंत्रित किया गया.
अरुणाचल प्रदेश के राजीव गांधी वि.वि.मे शिक्षा जगत से जुड़ी सहायक प्रोफेसर डा. जमुना बीनी को वर्ष 2023 का *स्व. ठाकुर पूरन सिंह स्मृति  “सूत्र सम्मान* उनके  आंचलिक जनपदीय कविता,  कहानी  लेखन की पुस्तक के लिए दिया गया है. जो पूर्वोत्तर  क्षेत्र के जमीनी जनजातीयों की सांस्कृतिक पहचान को परिभाषित करने मे सफल रही हैं।  महासमुंद का यह रचनात्मक राष्ट्रीय *सूत्र सम्मान* साहित्य समारोह,  साहित्यिक आयोजन का एक ऐसा दस्तावेज बन गया, जो साहित्यिक पन्नों पर हमेशा अंकित रहेगा और भविष्य के दूसरे साहित्यिक  आयोजन के लिए उदाहरण बनेगा.


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