पतंजलि योग समिति के द्वारा प्राणायाम विचार श्रृंखला की शुरुआत कपालभाति प्राणायाम लीवर और किडनी में भी उपयोगी- -नीलम दुबे
मनेद्रगढ़।एमसीबी। कपालभाति प्राणायाम करने से लीवर और किडनी की समस्या का समाधान होता ही है साथ ही शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने के लिए यह आसान बहुत फायदेमंद है, ब्लड सरकुलेशन ठीक रखने और मेटाबॉलिज्म में सुधार के लिए कपालभाति नियमित रूप से दैनिक दिनचर्या में शामिल किया जाना चाहिए-उक्ताशय के विचार पतंजलि योग समिति के प्राणायाम व्याख्यान श्रृंखला के प्रथम वक्ता के रूप में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मनेंद्रगढ़ की वरिष्ठ व्याख्याता एवं योग साधिका नीलम दुबे व्यक्त कर रही थी। ज्ञातव्य है कि सरस्वती शिशु मंदिर के प्रांगण में पतंजलि योग समिति द्वारा दैनिक दिनचर्या में उपयोगी प्राणायाम की विचार श्रृंखला की शुरुआत की गई है। जिसका संयोजन पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक एवं जिला प्रभारी सतीश उपाध्याय के द्वारा किया जा रहा है । योग प्रशिक्षक उपाध्याय ने बतलाया कि प्रति रविवार दैनिक दिनचर्या के लिए उपयोगी प्राणायाम के लाभ एवं विधि की जानकारी योग साधकों के द्वारा दी जाएगी। योग प्राणायाम के श्रृंखला में प्रथम वक्ता के रूप में पतंजलि योग समिति की नियमित योग साधिका नीलम दुबे ने योग एवं प्राणायाम के सत्र में कपालभाति प्राणायाम की सहज रूप से व्याख्या की। प्राणायाम विचार श्रृंखला का संचालन करते हुए योग प्रशिक्षक उपाध्याय ने बतलाया कि-कपालभाति प्राणायाम से कैंसर ,एड्स हेपेटाइटिस ,सफेद दाग सोरायसिस, अत्यधिक मोटापा इनफर्टिलिटी ,गर्भाशय ,ओवरी शरीर की गांठो में लाभ मिलता है साथ ही मस्तिष्क के मुख मंडल पर तेज, आभा और सौंदर्य भी बढ़ाता है। इस अवसर पर योग साधक जसवीर सिंह रैना ,राकेश अग्रवाल,सुनीता मिश्रा, सुखविंदर सिंह,विवेक कुमार तिवारी ,रोशन जहां ,परमानंद सिंह, पिंकी रैना ,कैलाश दुबे, बबली सिंह आदि उपस्थित थे। प्राणायाम विचार श्रृंखला के तहत आगामी कार्यक्रमों में अनुलोम विलोम एवं बाह्य प्राणायाम पर चर्चा पतंजलि योग समिति के द्वारा सरस्वती शिशु मंदिर के खेल प्रांगण में प्रातः सत्र पर चर्चा की जाएगी। वरिष्ठ योग प्रशिक्षक सतीश उपाध्याय ने योग में रुचि रखने वालों से योग सत्र में सम्मिलित होने की पुरजोर अपील की है ।