एनएच द्वारा कोस्टामुड़ा तलाब को 15 फिट पाट कर किया जा रहा है सड़क निमार्ण,एनएच ने निगल डाला कोस्टामुड़ा तालाब प्रशासन बेखबर
देवभोग।गरियाबंद। देवभोग के हृदय स्थल में स्थित कोस्टामुड़ा तालाब का अस्तित्व इन दिनों खतरे में है। एनएच विभाग के द्वारा सड़क निर्माण में कोस्टामुड़ा तलाब को क़रीब 15 फिट पाटकर सड़क निर्माण का कार्य किया जा रहा है। जिसके चलते जल संकट संकट खतरे में पड़ गई है। आज से बीस साल पहले तालाब क़रीब पांच एकड़ में फैला था लेकिन अभी वर्तमान कि बात करें तो यह तालाब दो से ढाई एकड़ में ही सिमट कर रह गया।
बता दें इसके पूर्व भी इस तलाब के कुछ हिस्से को पंचायत के द्वारा पाटकर कर कुछ लोगो को व्यवसाय के लिए जगह दी गई थी। लेकिन एनएच 130 सड़क निर्माण में दुबारा इस तालाब को फिर से क़रीब 15 फिट पाटकर सड़क का निर्माण किया जा रहा है।
एक तरफ सरकार के द्वारा मिशन अमृत सरोवर योजना कि शुरुवात अप्रेल 2022 में शुरुवात कि थी इस योजना के तहत दिन प्रतिदिन पानी कि समस्या से जूझ रहे किसानों और ग्रामीणों के लिए सरकार यह योजना लागू कि है यह योजना सुखे अथवा भयभाव स्थिती को निपटाने के लिए केन्द्र सरकार द्वारा लाया गया है इस योजना के तहत देश भर के हरेक ज़िले में कम से कम 75 तालाबों का निर्माण किया जाना है जिससे गर्मी के दिनों में होने वाले भूजल कि कमी को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सके। जिसके लिए कोई भी सरकारी जगह या निजी स्थानों में तालाब या पोखरण का निर्माण किया जा सके। बकायदा सुप्रीम कोर्ट का निर्देश है कि जल स्रोत निजी हो या सरकारी इसको नष्ट नहीं किया जा सकता न ही इसका नेचर चेंज किया जा सकता है। लेकिन एनएच विभाग के द्वारा सड़क निर्माण में कोस्टामुड़ा तालाब को लगभग 15 फिट पाटकर सड़क बनाया जा रहा हैं। जिसके कारण गर्मी के दिनों में इस क्षेत्र में जल स्रोत कम हो सकता है और वर्षो का जल इसमें संग्रहण करना असम्भव सा लग रहा है क्यों कि तालाब के आधिकांश हिस्सों को मिट्टी के द्वारा पाट दिया जा रहा है। लेकिन शासन प्रशासन के द्वारा कोस्टामुड़ा तालाब को 15 फिट पाटकर सड़क निर्माण में किसी तरह कि कोई कार्यवाही न ही जांच पड़ताल कर रही है और एनजीटी के निर्देष का भी ध्यान नहीं रखा जा रहा है।