प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ का अपनी प्रमुख मांगों के लिए संघर्ष जारी रहेगा – सौरभ यादव
अनुपूरक बजट से नगरीय निकायों में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारी हुए निराश, सरकार द्वारा अंतिम बजट में ठेका प्रथा बंद नही किये जाने से नगरीय निकायों के प्लेसमेंट कर्मचारी हुए नाखुश
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी। (कृष्णा वस्त्रकार) छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार द्वारा अपने अंतिम पूरक बजट पेश किये जाने के बाद सरगुजा संभाग अध्यक्ष सौरभ यादव ने कहा की आउट सोर्सिंग/ प्लेसमेंट प्रथा बंद नही किये जाने और नियमितिकरण के वादे पूरे नही कर सिर्फ 4000 रुपये अकुशल/अर्द्धकुशल/कुशल/उच्च कुशल श्रमिकों के वेतन में वृद्धि की है जिससे नगरीय निकायों में कार्यरत 25000 (पच्चीस हजार) प्लेसमेंट कर्मचारी पुनः निराश हुए है। संभाग अध्यक्ष ने बताया कि नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मी को कांग्रेस सरकार से पूरी उम्मीद थी कि वे नगरीय निकायों से ठेका प्रथा बंद कर एक नियत अवधि निर्धारित कर कर्मचारियों का नियमितिकरण करेगें। नगरीय निकायों मे कार्यरत कर्मचारी ऐसे कर्मचारी है जो कि शासन-प्रशासन के महत्वाकांक्षी योजनाओं और अतिआवश्यक सेवाओं, सफाई, जल व्यवस्था, विद्युत, राशन कार्ड बनाना, पेंशन कार्य, जन्म से लेकर मृत्यु तक के प्रमाण पत्र बनाने संबंधी लोक सेवा गारंटी अंतर्गत आने वाली सेवाओं सहित विधानसभा, लोकसभा व नगरीय निकाय निवार्चन से संबंधित समस्त व्यवस्था में विगत कई वर्षो से सेवायें दे रहे है।
सरगुजा संभाग अध्यक्ष सौरभ यादव ने कहा की कोविड महामारी के नियत्रंण और रोकथाम में निकाय के ही प्लेसमेंट कर्मी द्वारा पुरे कोरोना काल में अपनी सेवा दी गई है। प्लेसमेंट कर्मी द्वारा उपरोक्त सेवायें देने के बावजूद वर्तमान छत्तीसगढ़ सरकार ने हमारी मांगो को गंभीरता से नही लिया और आज तक हमारी मांगों के संबंध में महासंघ से संवाद भी स्थापित नही कर पाई है। कांग्रेस सरकार के इस वादा खिलाफी से समस्त नगरीय निकायो में कार्यरत प्लेसमेंट कर्मचारी भारी आक्रोशित है। छ.ग. नगरीय निकाय प्लेसमेंट कर्मचारी महासंघ अपनी प्रमुख मांग नगरीय निकायों से ठेका प्रथा बंद कर, निकायों में समायोजन करते हुए नियत अवधि में नियमितिकरण किये जाने को लेकर आगे भी संघर्ष जारी रखेगा।