फुव्वारा चौक बना चौपाटी चौक, फुव्वारा चालू करने की मांग
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी। शहर के मध्य में फुव्वारा चौक का निर्माण शहर की सुंदरता बढ़ाने के उद्देश्य से किया गए था, लेकिन चौक बनने के बाद जिस तरह से फुव्वारा चौक की उपेक्षा करना शुरू कर दी गई उसके बाद वह चौक ना होकर चौपाटी बन गया है. वहीं चौक के चारों ओर ठेले लग जाने से शहर का हृदय स्थल गंदगी का अड्डा बन कर रह गया है. शहर में कई चौक चौराहे हैं लेकिन वे सिर्फ अपने नाम से जाने जाते हैं, लेकिन फुव्वारा चौक में फुव्वारा बनाकर वहाँ एक मूर्ति लगा दी गई है, कुछ दिनों तक फुव्वारा चलता रहा लेकिन कई वर्ष बीत गये फुव्वारा बंद पड़ा हुआ है, यहाँ तक तो ठीक था लेकिन फुव्वारा बंद होने के बाद फुव्वारा को चौपाटी चौक बनाने में कुछ लोगों ने कोई कोर कसर नहीं छोडी है, शहर के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों और प्रशासनिक अधिकारियों की अनदेखी के चलते यह फुव्वारा चौक पूरी तरह से चौपाटी चौक के रूप में तब्दील हो गया है.चौक के आसपास इतनी गंदगी बनी रहती है कि यहाँ आसपास रहने वाले लोग काफी परेशान रहते हैं, वहीं चौराहे के पास मोटरसायकिल खड़ी कर देने से यातायात व्यवस्था भी चौपट हो जाती है. इसे लेकर कई बार आसपास के व्यापारियों ने कई बार जिले के जिम्मेदार अधिकारियों का ध्यानाकर्षण भी कराया लेकिन इस ओर कोई भी अभी तक ध्यान नही दिए है।
ज्ञात होगी या फुव्वारा चौक पहले मनेन्द्रगढ़ के लोगों के लिए एक बड़े बावली का काम आता था पूरे बाजार के लोग यहां से ही पीने के पानी के साथ अन्य कार्यों के लिए भी पानी ले जाया करते थे, परंतु कालांतर में शहर में नल जल योजना चालू हुई, जिससे सभी के घरों में नल कनेक्शन लग गए जिससे इस बावली का उपयोग ना के बराबर होने लगा तब नगर पालिका के द्वारा एक भव्य फुव्वारा चौक बनाया गया जिसमें फुव्वारा के साथ रंग बिरंगी लाइटो के द्वारा रोशनी की गई जो की सभी को को अपनी ओर आकर्षित करने लगा था और सायकाल के समय मनेन्द्रगढ़ के लोग फुव्वारा के आसपास सौंदर्य का लाभ लेते रहे फिर वही नगर पालिका के द्वारा एक पनिहारी की सुंदर मूर्ति लगाकर उसमें साज सज्जा की गई जिससे शहर की सुंदरता और बढ़ गई थी, आज यह सौंदर्यकरण मात्र कागजों में ही सिमट कर रह गई है आइये इसके सौंदर्यकरण के लिए फिर से एक पहल की जाए ।