स्वामी विवेकानंद ने भारत की आत्मिक शक्ति को पुनर्स्थापित किया – केसरी
मनेद्रगढ़।एमसीबी।स्वामी विवेकानंद ने हमारी आंतरिक शक्ति का अनुभव कराया , युवाओं के आत्मबल को पुख्ता किया, उन्होंने भारत के आत्मिक शक्ति की प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित किया-उक्ताशय के विचार पतंजलि योग समिति एमसी जिला द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस विवेकानंद जयंती पर आयोजित बौद्धिक संगोष्ठी कार्यक्रम के दौरान वरिष्ठ समाजसेवी एवं नगर संघ संचालक ठाकुर प्रसाद केसरी व्यक्त कर रहे थे! स्वामी विवेकानंद जयंती के उपलक्ष्य में पतंजलि योग समिति जिला इकाई द्वारा स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं आध्यात्मिक विचारों पर आधारित बौद्धिक विचार संगोष्ठी का आयोजन, सरस्वती शिशु मंदिर के योग स्थल में किया गया।
संगोष्ठी के मुख्य अतिथि, घुटरा आयुर्वेदिक चिकित्सालय के सुप्रसिद्ध चिकित्सक डॉ संदीप चंदेल एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ संरक्षक एवं समाजसेवी ठाकुर प्रसाद केसरी थे। कार्यक्रम में आमंत्रित अतिथियों का स्वागत पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योगाचार्य एवं जिला प्रभारी सतीश उपाध्याय ,ने किया। उपस्थित योग साधकों ने स्वामी विवेकानंद के छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उनको भाव श्रद्धांजलि अर्पित की।
संगोष्ठी के प्रथम वक्ता के रूप में शासकीय बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय की व्याख्याता श्रीमती नीलम दुबे ने स्वामी विवेकानंद के वेदांत दर्शन, विश्व धर्म महासभा में भारत के प्रतिनिधित्व ,रामकृष्ण मिशन की स्थापना एवं युवा वर्ग को दिए गए उनके संदेश से अवगत कराया।
हायर सेकेंडरी स्कूल बेलबहरा में पदस्थ श्रीमती सुनीता मिश्रा ने युवाओं से स्वामी विवेकानंद के संदेश को आत्मसात करने एवं अध्ययन में पूरी एकाग्रता लाने की अपील की। स्वामी विवेकानंद को एक मानवतावादी चिंतक बताते हुए वरिष्ट शिक्षिका सुनीता शर्मा ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के प्रमुख सिद्धांत सत्य, सरलता शिष्टता, त्याग एवं ज्ञान का विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम संयोजक सतीश उपाध्याय ने कहा कि स्वामी विवेकानंद ने भारतीयों को आध्यात्मिक शक्ति की पहचान कराई जो भारत भूमि की विशिष्ट आध्यात्मिक शक्ति का आज पर्यंत तक केंद्र बना हुआ है, ।श्री उपाध्याय ने स्वामी विवेकानंद के हिंदू दर्शन सिद्धांत, रामकृष्ण मिशन की स्थापना विश्व धर्म महासभा दरिद्र नारायण शब्द की व्याख्या आदि प्रसंगों का सदन के सामने विस्तार से उल्लेख करते हुए कहा कि -स्वामी जी युवा शक्ति की ऊर्जा को राष्ट्र निर्माण में लगाना चाहते थे। विवेकानंद के वेदांत दर्शन, राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने की प्रार्थना गीत, स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के कई आध्यात्मिक पहलुओं को, सिविल लाइन निवासी विष्णु प्रसाद कोरी ने प्रस्तुत किया। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर बौद्धिक विचार संगोष्ठी में वरिष्ठ योग साधक कैलाश दुबे, राकेश अग्रवाल (गुल्लू )दिवाकर आचार्य, माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक सुनील कश्यप, शमा परवीन, नसीम बेगम, रोशन जहां आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन पतंजलि योग समिति के वरिष्ठ योग प्रशिक्षक ने किया।