छत्तीसगढ़

डॉ.रमनसिंह और डॉ चरणदास महंत के पिता सहपाठी ऱह चुके हैं…

वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे की कलम से..{किश्त 190}

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छत्तीसगढ़ में वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह और नेता प्रतिपक्ष डॉ चरणदास महंत मेंअच्छी मित्रता है,इसका कारण यह भी हो सकता है कि दोनों के पिता नागपुर में पढ़ाई के दौरान सहपाठी रह चुके हैं।यह बात और है कि डॉ. रमन के पिता विघ्नहरण सिंह राजनीति में नहीं आये वे किसान तो रहे साथ ही वकालत कर गरीबों को न्याय दिलाने में लगे रहे, उनके बेटे डॉ रमन, राजनीति में इतिहास बना रहे हैं तो डॉ. चरणदास के पिता बिसाहू दास महंत ने लम्बी राजनीति में इतिहास गढ़ा डॉ चरणदास ने भी राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल किया है। सीपी एण्ड बरार मप्र में लगातार 6 विधान सभाओं में छत्तीसगढिय़ों का नेतृत्व करने वाले छग की चेतना के संवाहक महंत बिसाहू दास महंत, पंडित रविशंकर शुक्ल, ठा.प्यारे लाल सिंह के साथ राजनीति करने वाले, पं.श्यामा चरण शुक्ल, प्रकाशचंद सेठी के मुख्यमंत्रित्व काल में उनके मंत्रिमंडल में सदस्य रहे,हसदेव बांगो सिंचाई परियोजना के स्वप्नदृष्टा,कट्टर कांग्रेसी, गांधीवादी,मारिश कालेज नागपुर में वसंत साठे (पूर्व केंद्रीय मंत्री) प्रेमनाथ (फिल्म कलाकार)पत्रकार तरूण भादुड़ी (अमिताभ बच्चन के ससुर,जया भादुड़ी के पिता) के सहपाठी भी रहे बिसाहूदास किसी परिचय के मोहताज नहीं हैँ, आपात काल के बाद कांग्रेस के बड़े दिग्गज पराजित हो गये थे तब चांपा विधानसभा से ही (बिना प्रचार के)14,127 मतों से विजयी बिसाहूदास महंत 8अगस्त 1977 से 21 जनवरी 78 तक मप्र कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे। कांग्रेस के विभाजन के बाद इंदिरा कांग्रेस में शामिल हो गये। उनके निधन के बाद नायब तहसीलदार की नौकरी छोड़ उनके पुत्र डॉ. चरणदास राजनीति में उतरे,अविभाजित मप्र में कई बार मंत्री, डॉ. मनमोहन सरकार में केंद्रीय राज्यमंत्री रहे महंत आजकल छग विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तो उनकी पत्नी ज्योत्सना महंत दूसरी बार लोकसभा सदस्य चुनी गई हैं।डॉ. चरणदास महंत कबीरपंथी हैं और कबीर पंथियों का पुर्नजन्म में तो विश्वास नहीं होता है। फिर भी डॉ. महंत ने कहा कि मैं चाहूंगा कि अगले जनम में भी मेरे पिता बिसाहू दास महंत ही हों..! भाजपा के वरिष्ठ नेता,अटलजी की सरकार में राज्यमंत्री,15 सालों तक लगातार छ्ग के सीएम बनने का रिकार्ड बनाने वाले डॉ रमनसिंह वर्तमान में छ्ग विस के अध्यक्ष हैं।वैसे काफी कम लोगों को पता है कि डॉ. रमन सिंह, डॉ. चरणदास महंत में भी अच्छी मित्रता है और इसका प्रमुख कारण यह भी हो सकता है कि दोनों के पिता नागपुर में पढ़ाई के दौरान सहपाठी रह चुके हैं। हमें बहुत पुराना एक ग्रुप फोटो मिला है जिसमें फोटो में दाहिनी ओर की पहली कुर्सी में स्व. विघ्नहरण सिंह (डॉ. रमन सिंह के पिता) बैठे हैं तो पीछे बाएं से दाएं क्रम में स्व. बिसाहू दास महंत (डॉ. चरणदास के पिता) परिलक्षित हो रहे हैं। यह ग्रुप फोटो 1942 से 48 के बीच की हो सकती है।


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