शाखों से टूट जाएँ,वो पत्ते नहीं हैं हम….. तूफाँ से कोई कह दे औकात में रहे…..
वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे की कलम से....
नेहरू-गाँधी परिवार की प्रियंकागाँधी भी लोकसभा सदस्य बन चुकी हैं, लोस में राहुल-प्रियंका,राज्यसभा में सोनिया गाँधी कांग्रेस का नेतृत्व करेंगी, वैसे प्रियंका से पहले गांधी परिवार से जवाहरलाल नेहरू,इंदिरा गांधी,फिरोज गांधी,संजय गांधी,राजीव गांधी,सोनिया गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी और राहुल गांधी राज नीति में एंट्री कर चुके हैं।प्रियंका गांधी लोस सांसद चुने जाने वाली गांधी परिवार की चौथी महिला सदस्य हैं। पहले इंदिरा गांधी,सोनिया गांधी, मेनका गांधी लोक सभा सांसद रह चुकी हैं।वायनाड लोस उपचुनाव में प्रियंका गांधी ने धमाके दार जीत दर्ज करने के साथ ही अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की है।सीपीआई के सत्यन मोकेरी को 4 लाख 10 हजार से अधिक वोटों से हराया,यह उनके सियासी सफऱ का पहला चुनाव था।राहुल ने 2019 में वायनाड से 4,31, 770 तो 2024 में 3,64,422 वोट के अंतर से जीत दर्ज की।2024 में वायनाड, राय बरेली दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में वायनाड सीट खाली कर दी थी,क्योंकि रायबरेली से ही सांसद बने रहने का फैसला किया था।प्रियंका, चुनावी राजनीति में एंट्री करनेवाली नेहरू- गांधी परिवार की 10 वीं सदस्य हैं।
छ्ग के नये डीजीपी, 3
नामों का पैनल यानि …..!
छग में नये पुलिस डीजीपी की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हो गई है, हालांकि 5 फरवरी 25 को अशोक जुनेजा की सेवा वृद्धि समाप्त हो रही है, कुछ राज्यों में डीजीपी की नियुक्ति की प्रक्रिया ही तत्काल शुरूकर,यूपीएससी को भेजने पर ,सुको की नाराजगी के चलते छ्ग में अभी से पैनल बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है,वैसे 3 वरिष्ठ आईपीएस का नाम भेजने की परम्परा है, जिसके अनुसार अरुण देव गौतम, हिमांशु गुप्ता और पवनदेव के नाम जाना तय है,चूंकि डीजीपी के लिये 30 साल की सेवा होना चाहिये और इस दायरे में तीनोँ आईपीएस के अलावा कल्लूरी भी आते हैं,फिलहाल 3 नामों का ही पैनल भेजने पर ही विचार हो रहा है,खैर कुछ दिनों में स्थिति स्पष्ट हो ही जाएगी,वरिष्ठता की बात है तो अरुण देव गौतम, जुनेजा के बाद छ्ग के सबसे वरिष्ठ आईपीएस हैं।
आईपीएस पासवान के 3
सहयोगियों में एक
‘रॉ ‘ चीफ, 2 डीजीपी….
अविभाजित मप्र के समय रायपुर के एसपी संत कुमार पासवान के दौर में कैलाश मकवाना,एडीशनल एसपी थे तो रवि सिन्हा प्रशिक्षण काल में कोतवाली के सी एसपी और अशोक जुनेजा सीएसपी सिविल लाइन थे। पासवान तो डीजीपी नही बन सके पर उनके मातहत रवि सिन्हा ‘रॉ ‘ के मुखिया हैं, अशोक जुनेजा छ्ग के डीजीपी हैं,मकवाना 1 दिस म्बर को मप्र के डीजीपी बनने जा रहे हैं। मप्र के नये पुलिस मुखिया कैलाश मकवाना ने आईपीएस चयनित होने के बाद प्रशिक्षण का बड़ा समय रायपुर, दुर्ग, बस्तर और दंतेवाड़ा में पूरा किया है।रायपुर में एडीश नल एसपी के रूप में 3 अप्रेल 1993 से जुलाई 93 तक पदस्थ रहे, यातायात का आदि का काम भी सम्हाला था। उज्जैन जिले के निवासी कैलाश ने इंजीनियरिंग में स्नातक, स्नातकोत्तर की डिग्री ली है,आई पीएस 1988 बैच के मक वाना अभी पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन प्रमुख के रूप में कार्यरत हैं। मप्र में एडीजी (गुप्तवार्ता)समेत महत्वपूर्ण दायित्वों में अपनी कार्य शैली की विशिष्ट छाप छोड़ी है, साफ -सुथरी छवि वाले मकवाना की गिनती तेज- तर्रार अफसर के रूप में होती है।पर उनका करियर उतार-चढ़ाव से भरा रहा है।साढ़े 3 साल के दौरान सात बार तबादला हुआ, कमल नाथ सरकार में 3 बार ट्रांसफर हुआ था,वे एडीजी इंटेलिजेंस, नारकोटिक्स सीआईडी, प्रशासन जैसे प्रमुख पदों पर कार्य कर चुके है।2022 में लोकायुक्त का महानिदेशक बनाया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करने के चलते सरकार ने उन्हें हटा हाउसिंग कारपोरेशन में भेज दिया था।छग कैडर के 1988बैच के आईपीएस रवि सिन्हा, जब मप्र कैडर मिला,तब अपने प्रोबेशन के दौरान धमधा के टी आई रहे बाद में रायपुर में सीएसपी कोत वाली की जिम्मेदारी भी संभाली,राजनांदगांव में 3 जून 1995 से 4 अक्टूबर 1996 तक एसपी रहे,छत्तीसगढ़ बनने के बाद योजना एवं प्रबंध के एआईजी थे, इसके बाद केंद्र सरकार में डेपुटेशन पर चले गए, फिर वहीं रह गये। रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग) में क्रम बद्ध एक-एक पायदान ऊपर जाते रहे,अब खुफिया एजेंसी के सर्वोच्च पद पर हैं।अशोक जुनेजा ने 21 अगस्त 1989 को आईपी एस की सर्विस ज्वाइन की। वे पहले मप्र कैडर के थे। छत्तीसगढ़ बनने के बाद छग कैडर चुन लिया। छग में जुनेजा रायगढ़, बिलासपुर में एडिशनल एसपी के अलावा बिलासपुर में एसपी रहे। दुर्ग, रायपुर के एसएस पी रहे हैं। बिलासपुर-दुर्ग संभाग के आईजी भी रहे हैं,मंत्रालय में गृह सचिव की जवाबदारी भी सम्हाली हैं,ढाई साल तक प्रदेश के खुफिया चीफ, परिवहन में अतिरिक्त आयुक्त,खेल संचालक भी रह चुके हैं,एडीजी नक्सल ऑपरेशन,छग सशस्त्र बल,एसटीएफ का भी प्रभार सम्हाल चुके हैं पुलिस अकादमी के महानिदेशक भी रह चुके हैं। प्रशासन, ट्रेनिंग भी संभाल चुके हैं।केंद्रीय प्रतिनियुक्ति में 2 साल नारकोटिक्स, कॉमन वेल्थ गेम्स के सुरक्षा प्रमुख की जवाबदारी भी निभा चुके हैं।11 नवंबर 21 को डीएम अवस्थी को हटा कर अशोक जुनेजा को प्रभारी डीजीपी बनाया गया, बाद में पूर्ण कलिक डीजीपी बने, सरकार ने उन्हें 6 माह की सेवावृद्धि भी दी है,फरवरी 25 में उनका कार्यकाल पूरा हो रहा है।
एक बदमाश, एक सुरक्षा
कर्मी की निगरानी में….
सीमित सुरक्षा बल के बावजूद भी गुंडों-बदमाशोँ की गतिविधियों पर निगाह रखने,नियंत्रित करने एसपी (बलौदा बाजार-भाटापारा) विजय अग्रवाल ने एक नई पहल शुरू की है,जिले में 270 बदमाशों की निगरानी का जिम्मा 246 हवलदार, सिपाहियों को दिया गया है, औसत एक बदमाश के पीछे एक सुरक्षा कर्मी.! बदमाशों की गतिविधियों की नियमित जाँच कर रिपोर्ट दर्ज करेंगे।वहीँ समय समय पर थाना, चौकी प्रभारी को अवगत कराएंगे,राजपात्रित अधिकारी भी प्रवास, निरीक्षण के दौरान इसकी नियमित चेकिंग करेंगे,एक सुरक्षा कर्मी के जिम्मे एक बदमाश होने से सतत निगरानी तो होगी वहीँ लापरवाही बर तने पर भी कड़ी कार्यवाही भी हो सकेगी…!
और अब बस…..
0 एक मंत्री से बड़ा विभाग लेने की चर्चा तेज है…?
0रायपुर दक्षिण विधान सभा उपचुनाव में भाजपा के सुनील सोनी 46 हजार 167 मतों से विजयी हुए।
0 छ्ग मंत्रिमंडल का विस्तार क्या अब लटक गया है….?
0 क्या कुछ एसपी का तबादला निगम,पालिका, पंचायत चुनाव के बाद होगा….?