डिजिटल दुनिया के क्रांतिकारी परिवर्तन के साथ पूरे महाविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षित होना है तथा डिजिटलीय अशिक्षित को शिक्षित करना है-डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई
मनेन्द्रगढ़। एमसीबी। शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में स्वर्ण जयंति वर्ष में अन्तर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा जनजागरूकता रैली का आयोजन जिला-एमसीबी के कलेक्टर नरेन्द्र दुग्गा के मुख्य आतिथ्य में किया गया।
रैली झगराखाण्ड रोड से नगर के मुख्य मार्गो पर गगनभेदी नारे लगाते हुए निकाली गई। श्यामा प्रसाद मुखर्जी चौक पर नशा उन्मूलन के संबंध में तथा डिजिटल साक्षरता के लिए जनजागृति लाने के लिए नुक्कड़-नाटक का आयोजन किया गया। नुक्क्ड़-नाटक का नेतृत्व शिवम मिश्रा, तरूणेन्द्र पाण्डेय, मो. हिमांशु, शकुन्तला, स्वास्तिका, कामना, आसमां, मो. महफूज ने किया। कार्यक्रम के द्वितीय चरण में प्राचार्य ने साक्षरता शपथ दिलाई एवं साक्षरता के विभिन्न पहुलुओं पर प्रकाश डालते हुए कार्यक्रम संयोजक प्राचार्य डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि आज के युग में हस्ताक्षर कर लेना या जोड़-घटाना कर लेना साधारण शिक्षा है हमें समय की मांग के अनुसार डिजिटल दुनिया के क्रांतिकारी परिवर्तन के साथ पूरे महाविद्यालय के विद्यार्थियों को शिक्षित होना है तथा डिजिटलीय अशिक्षित को शिक्षित करना है। नगर के बच्चे ही नही बल्कि पूरे भारत वर्ष के व्यक्तियों को जागरूक होकर डिजिटल दुनिया के परिवर्तन के साथ स्वयं को शिक्षित होना होगा। क्योंकि आजकल प्रत्येक आर्थिक गतिविधियां ऑनलाईन बैकिंग भुगतान, रेल्वे के टिकिट, सब कुछ ऑनलाईन माध्यम से हो रहा है। अतः बदलते परिदृष्य में सभी छात्र-छात्राओं को बैकिंग व्यवस्था की जानकारी, खाते के प्रकार, उनका परिचालन, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड की जानकारी आदि होनी चाहिए। ऑनलाईन फ्रॉड भी बहुत होते है अतः हमें फ्रॉड से बचने के लिए पासवर्ड किसी को नही बताना चाहिए। घरेलू वित्तीय प्रबंधन, सुरक्षा बीमा, मोबाईल बैकिंग, मोबाईल वॉलेट, क्यू.आर. कोड बनाना, भुगतान करने एवं उससे होने वाली ठगी से बचना आदि जानकारियों के अभाव में वर्तमान समय में समायोजन करना एवं आगे बढ़ना कठिन कार्य है।
अतः सभी विद्यार्थी कम्प्यूटर शिक्षा ग्रहण करें और “ईच वन एवं टीच वन” राष्ट्रीय सेवा योजना की सेवा पद्धति का उपयोग करते हुए आप सभी की जिम्मेदारी है कि प्रत्येक बच्चा एक गरीब छात्र-छात्रा को कम्प्यूटर शिक्षा देते हुए उसे डिजिटल युग में जीने के लिए समर्थ बनाये। उन बच्चों को भी आगे पढ़ने के लिए प्रेरित करे जिनकी शिक्षा किन्हीं कारणों से छूट गई है। साक्षरता सप्ताह के अंतर्गत श्लोगन प्रतियोगिता, नवभारत साक्षरता पर केन्द्रित गीत एवं नृत्य प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता, पोस्टर प्रतियोगिता, मेंहदी प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। कार्यक्रम को सफल बनानेे के लिए प्राचार्य डॉ. विश्नोई ने डॉ. रश्मि तिवारी, सुशील कुमार तिवारी, श्रीमती प्रभा राज, डॉ. अरूणिमा दत्ता, रंजीतमणी सतनामी, डॉ. नसीमा बेगम अंसारी, श्रीमती स्मृति अग्रवाल, श्रीमती अनुपा तिग्गा, सुनील कुमार गुप्ता, कमलेश पटेल, सुशील कुमार छात्रे, अवनीश गुप्ता, रामनिवास गुप्ता, शुभम गोयल, श्रीमती नीलम द्विवेदी, पुष्पराज सिंह, कु. अंकिता चटर्जी प्राध्यापकों एवं अतिथि व्याख्याताओं की समिति बनाई है। कार्यक्रम को सफल बनाने में महाविद्यालय के अधिकारी सहित कर्मचारियों में मनीष कुमार श्रीवास्तव, सुनीत जाँनसन बाड़ा, प्रेमलाल पटेल, रामखेलावन गुप्ता, श्रीमती मीना त्रिपाठी, कमलू सिंह मार्को, हेमन्त सिंह, कु. साधना बुनकर, लड्डू गोपाल रजक, भोले प्रसाद रजक, श्रीमती मायादेवी सिंह, प्रदीप कुमार मलिक, सतीश सोनी, पारसनाथ तिग्गा का महत्वपूर्ण योगदान रहा।