अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विवेकानन्द महाविद्यालय में स्वस्थ जीवनशैली एवं तनाव प्रबंधन पर कार्यशाला का आयोजन
मनेन्द्रगढ़ । एमसीबी। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर शासकीय विवेकानन्द स्नातकोत्तर महाविद्यालय मनेन्द्रगढ़ में स्वस्थ जीवन शैली एवं तनाव प्रबंधन विषय पर एकदिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. सरोजबाला श्याग विश्नोई के मार्गदर्शन एवं संयोजन में तथा राष्ट्रीय सेवा योजना महिला एवं पुरूष इकाई के सह-संयोजन में नवम् अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर “वासुधेव कुटुम्बकम के लिए योग” अर्थात पूरी धरती एक परिवार थीम को ध्यान में रखते हुए यह कार्यशाला आयोजित हुई। कार्यशाला को संचालित करते हुए प्राचार्य डॉ. विश्नोई ने अपने व्याख्यान में बताया कि- योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न अंग रहा है हमारे ऋषिमुनियों के द्वारा योग के माध्यम से दीर्घायु प्राप्त की। तनाव प्रबंधन में योग का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, स्वस्थ जीवन शैली अपनाकर एवं नियमित रूप से सरल योग एवं प्राणायाम् किया जाये तो हमारे शरीर की रोगप्रतिबंधक क्षमता बढ़ती है, रक्तपरिसंचरण तंत्र ठीक से कार्य करता है जिससे रक्तचाप की समस्या नहीं होती है, मांसपेशियां एवं अस्थियां मजबूत होती है। योग को जीवन शैली में अपनाने से आरोग्य प्राप्ति के साथ तनाव का प्रबंधन भी करता है। आज के इस भागदौड़ भरे जीवन में योग के माध्यम से हम वासुधेव कुटुम्बकम के भारतीय तत्व ज्ञान एवं संस्कृति को वैश्विक स्तर पर स्थापित करने में सफल होंगे। इसके पश्चात् डॉ. विश्नोई ने प्रोटोकॉल के अनुसार योगाभ्यास कराते हुए पहले चरण में सूक्ष्म योगाभ्यास कराया, ग्रीवा संचालन, स्कंध संचालन, कटिचालन, ता़ड़ासन, त्रिकोणासन, सुखासन, वज्रासन, मण्डुकासन, कटिचक्रासन, पादपश्चिमोत्तासन, भुजंगासन, शलभासन, शवासन आदि का सामूहिक रूप से अभ्यास कराया, जिसका प्रदर्शन सुशील कुमार तिवारी एवं प्रेमलाल पटेल द्वारा कर के दिखाया गया। तत्पश्चात् विविध प्राणायाम जैसे:- अनुलोम-विलोम, कपालभाती, भ्रामरी, उज्जयी, शीतली आदि का भी अभ्यास कराया गया। प्रतिदिवस योग किये जाने हेतु डॉ. विश्नोई के द्वारा सभी को सामूहिक संकल्प भी दिलाया गया। आज के इस स्वस्थ जीवन शैली एवं तनाव प्रबंधन कार्यशाला में नाकारात्मक चिंतन एवं कुविचारों का निवारण कर सदविचार की क्रांति लाने में निःसंदेह समाज में बड़ी भूमिका होगी। आपने कहा कि- चिंतन की उत्कृष्टता को आध्यात्म की भाषा में योग कहते है। कार्यशाला में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण डॉ. श्रावणी चक्रवर्ती, डॉ. रश्मि तिवारी, सुशील कुमार तिवारी, श्रीमती प्रभा राज, डॉ. नसीमा बेगम अंसारी, श्रीमती स्मृति अग्रवाल, श्रीमती अनुपा तिग्गा, रंजीतमणी सतनामी, कमलेश पटेल, सुशील कुमार छात्रे, शरणजीत कुजूर (ग्रंथपाल) अतिथि व्याख्यातागण डॉ. मुकेश कुमार मिश्रा, डॉ. रेनु प्रजापति, डॉ. रामजी गर्ग, रामनिवास गुप्ता, श्रीमती नीलम द्विवेदी, शुभम गोयल, पुष्पराज सिंह एवं कार्यालयीन स्टॉफ मनीष कुमार श्रीवास्तव, प्रेमलाल पटेल, बाबूलाल शुक्ला, रामखेलावन गुप्ता, सुनीत जाँनसन बाड़ा, श्रीमती मीना त्रिपाठी, हेमन्त सिंह, कु. साधना बुनकर, कमलू सिंह मार्को, लड्डू गोपाल रजक, भोले प्रसाद रजक, प्रदीप कुमार मलिक, सतीश सोनी तथा स्वयंसेवक छात्र-छात्रायें सम्मिलित हुए एवं विद्यार्थियों में मन सिंह, शिवलाल, संतोष, नीलम, तुलसी, लक्ष्मी, प्रीति, कोमल, पुष्पा, सान्या खान, अरहम अंसारी, उर्मिला, रीना, शकुन्तला, लिलि सिंह, पंकज कुमार, दशमतिया, रोशनी, प्रमिला, सरिता यादव, तारूस सिंह, नेहा मिंज, अन्सुईया, इन्द्रकुंवर, आदित्य राज, राहुल, रमेश, भास्कर ने सहभागिता कर सराहनीय योगदान दिया। योग दिवस पर प्रातःकालीन बेला पर एमसीबी के जिला मुख्यालय पर शासकीय आत्मानंद अँग्रेजी माध्यम स्कूल मैदान मनेन्द्रगढ़ में आयोजित सामूहिक योगाभ्यास में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. विश्नोई के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक, अतिथि व्याख्याता, कर्मचारीगण एवं छात्र-छात्राओं ने सहभागिता कर सामूहिक योगाभ्यास कार्यक्रम में भाग लिया। कार्यशाला के अंत में सुशील कुमार तिवारी एवं रंजीतमणी द्वारा प्राचार्य डॉ. विश्नोई एवं सभी के प्रति हार्दिक आभार प्रकट किया। अंत में शांति पाठ के साथ कार्यशाला समापन किया गया।