कल सियासत में भी मोहब्बत थी….. अब मोहब्बत में भी सियासत है…..
राजनीति और सिनेमा दो ऐसे क्षेत्र हैं, जिनमें हाई- वोल्टेज ड्रामा की उम्मीद की जाती है। इंडस्ट्री में राजनीतिक एजेंडे पर फिल्में बनाने का चलन पुराना है। इसमें नया नाम जुड़ा है कंगना रनौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ का… हालांकि,भारी विवाद के चलते यह फिल्म एक बार फिर टाल दी गई है। लेकिन कंगना रनौत की इमरजेंसी पहली फिल्म नहीं है,जो राजनीति के शोर के चलते टाली गई हो। इससे पहले हिंदी सिनेमा में कई फिल्में बनीं,जो राजनीति की भेंट चढ़ गईं,नेताओं,संगठनों को पसंद नहीं आईं, खास कर पूर्व पीएम के जीवन पर बनी फ़िल्में…*किस्सा कुर्सी का-शबाना आजमी राजबब्बर,सुरेखा सीकरी अभिनीत यह फिल्म भी विवादित राजनीतिक ड्रामा साबित हुई।अमृत नाहटा के निर्देशन में फिल्म 1974 में बनकर तैयार हुई थी।19 75 में आपातकाल लगने के कारण इसकी रिलीज को टाल दिया गया था। आपातकाल के दौरान तब की सरकार ने इस फिल्म को देखा, इसमें बदलाव भी करने को कहा। साथ ही इसके प्रिंट भी जब्त किये गए। किसी तरह 1978 में किस्सा कुर्सी का रिलीज हुई। लेकिन राजनीतिक व्यंग्य के तौर पर इस फिल्म की खूब चर्चा हुई।*आंधी- आपातकाल के दौरान संजीव कुमार,सुचित्रा सेन की फिल्म आंधी भी रिलीज के लिए तैयार थी। निर्देशक गुलजार कीफिल्म पर तब की पीएम इंदिरा गांधी और उनके पति के बीच संबंधों को गलत ढंग से पेश करने का आरोप लगा।हालांकि,1977 में जब इंदिरा की सरकार गिरी तो आंधी की रिलीज का भी रास्ता साफ हुआ।*इंदु सरकार-कंगना की इमरजेंसी से पहले निर्देशक मधुर भंडारकर की फिल्म इंदु सरकार 1975 भी इमरजेंसी के दौर की कहानी को बड़े पर्दे पर दिखा चुकी है। इस फिल्म को लेकर खूब राजनीतिक लाभ उठाया गया। कांग्रेस ने इस फिल्म का कड़ा विरोध किया। इंदु सरकार की रिलीज डेट को आगे नहीं बढ़ाया गया और इसे 2017 में रिलीज किया गया। *इमरजेंसी- कंगना रनौत की फिल्म इमरजेंसी 6 सितंबर को बड़े पर्दे पर रिलीज होनी थी। लेकिन इस फिल्म को सेंसर बोर्ड से हरी झंडी नहीं मिली और सिख समुदाय के ही कुछ लोगों ने इस फ़िल्म को लेकर कोर्ट में याचिका दायर की।आरोप है कि फिल्म में सिख समुदाय की छवि को गलत तरीके से पेश किया गया है। फिलहाल, इसकी रिलीज को अनिश्चितकाल के लिए टाल दिया गया है।वैसे बेलबॉटम, सैम बहादुर और रेड जैसी अन्य बॉली वुड फिल्में हैं,जिनमें कई मशहूर लोगों ने इंदिरा गांधी का किरदार निभाया,सहा यक, सकारात्मक भूमिकाएं होने के कारण,ये फिल्में किसी विवाद में नहीं फंसीं, खासकर कहानी की वजह से….!
मोदी सरकार के एक मंत्री,
आपातकाल और जेल..
भाजपा की मोदीनीत भारत सरकार ने 25 जून के दिन को “संविधान हत्या दिवस” के रूप में मनाया है, जिसमें मृतकों की हत्या को गंभीर साजिश की याद दिलाई गई है।मोदी मंत्रिमंडल में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आपात काल के विरोध में सक्रिय थे और जेपी मूवमेंट से जुड़े हुए थे। एक साक्षात्कार में बताया था कि आपातकाल के दौरान वह18 महीने जेल में रहे ,उस समय आयु 23- 24 के बीच थी।सिंह को इमरजेंसी के दौरान उनके घर से बंदी बनाया गया था, पहले मिर्जापुर की जिला जेल बाद में केन्द्रीय जेल नैनी में रखा गया था।वर्तमान में राजनाथ सिंह, लखनऊ से सांसद हैं। 2014 से 2019 के बीच मोदी सरकार के कार्यकाल में देश के गृहमंत्री भी रह चुके हैं।
महिला राष्ट्रपति की
‘महिला असुरक्षा’ पर चिंता..!
2015 में अचानक शब्द “असहिष्णुता” जबरदस्त चर्चा में आया।जब आमिर खान ने पत्नी किरण राव के हवाले से एक बार देश में बढ़ती इन्टॉलरेंस पर चिंता जताते असुरक्षा के माहौल का जिक्र किया।तब कुछ भाजपाइयों ने आसमान सिर पर उठा लिया और उनको ‘गो टू पाकिस्तान’ टाइप के ताने मारे,निर्ममता से उन्हें ट्रोल किया गया, गालियां दी गई।आज हमारी राष्ट्रपति को आलीशान महल में बैठकर, तमाम लाव- लश्कर, तीनों सेनाओं की मुखिया होने के बावजूद डर लग रहा है…?लेकिन मजाल है भाजपा या आर एसएस के राष्ट्रवादियों ने एक शब्द भी कहा हो..? तब इसलिए हंगामा किया था क्योंकि उसका नाम आमिर “खान” है ?आखिर कहां से लाते हैं..,कैसे कर लेते हो अपने राष्ट्रवाद का जंगी प्रदर्शन.? पूरा देश देख रहा है,आपके राष्ट्रवाद को पहचान भी रहा है….?
अमेरिका का वीजा नहीं
मिला डिप्टी सीएम को..?
छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव को अमेरिका दौरे पर जाना था। अमेरिका ने वीजा नहीं दिया। जिसके कारण दौरा रद्द हो गया है। साथ पीडब्ल्यूडी के सचिव कमलप्रीत भी जाने वाले थे।साव के साथ 4 दिन दिल्ली में रुके रहे।वीजा नहीं मिला दोनों को रायपुर लौटना पड़ा है।अमेरिका दौरे के लिए डिप्टी सीएम साव, सचिव 26 अगस्त को रायपुर से दिल्ली पहुंचे थे। उम्मीद थी कि डिप्टी सीएम के साथ उनके सचिव को अमेरिका वीजा जारी कर देगा लेकिन 4 दिन की कोशिश के बाद भी वे लोग खाली हाथ रहे वैसे, 2005 में अमेरिका ने पीएम,गुजरात के सीएम नरेंद्र मोदी का भी वीजा बैन कर दिया था। हालांकि पी एम बनने के बाद मोदी के ऊपर से बैन हटा लिया गया था। 2014 में अमेरिका गए तो तब के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उनका जोरदार स्वागत किया था।अमेरिका ने माना था कि मोदी को वीजा नहीं देना एक दाग की तरह था।
लौट रहे हैं मूल कॉडर
में छ्ग के आईएएस….
छ्ग कॉडर के आईएएस प्रतिनियुक्ति से अब मूल प्रदेश लौट रहे हैं, अमित कटारिया, रजत कुमार ने तो नये मंत्रालय में आमद भी दे दी है। सुबोध सिंह,रोहित यादव के जल्दी ही लौटने की चर्चा है। इधर छ्ग में नई सरकार बनने के बाद ऋचा शर्मा, सोनमणि वोरा, अविनाश चम्पावत, रितुसेन पहले ही केंद्र से छ्ग लौट चुके हैं, सूत्र कहते हैं कि मंत्रालय में सचिव स्तर पर एक फेरबदल भी जल्दी होने की संभावना है…?
हिमांशु जेल डीजी,
राजेश हटाए गये…
छ्ग शासन ने वरिष्ठ आई पीएस हिमांशु गुप्ता को महानिदेशक, जेल एवं सुधारात्मक सेवाएं के पद पर पदस्थ किया है। वहीं राजेश कुमार मिश्रा को विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी पीएचक्यू, संचालक,राज्य न्यायायिक विज्ञान प्रयोग शाला,पद पर पदस्थ किया गया है।यहाँ यह बताना जरुरी है कि फरवरी 25 में वैसे भी राजेश का सेवा निवृति के बाद मिला एक साल का कार्यकाल समाप्त हो रहा है।
और अब बस……
0सीएम विष्णु देव साय ने भाजपा कार्यकर्ताओं से 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य दिया है ।
0ऑपरेशन प्रहार में बीते 8 महीनों में जवानों ने 153 नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया है।
0कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को जम्मू-कश्मीर,हरियाणा झारखण्ड, महाराष्ट्र विधान सभा चुनावों में घोषणा पत्र बनाने की बड़ी जिम्मेदारी दी हैं।
0प्रफुल्ल ठाकुर और विजय पांडे को आईपीएस अवार्ड हो गया है।