छत्तीसगढ़

हवाएं शाम के झोकों जरा लिहाज करो…. ना लो चिराग जलाते ही इम्तिहां मेरा….

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हवाएं शाम के झोकों जरा लिहाज करो.... ना लो चिराग जलाते ही इम्तिहां मेरा....

लोकसभा चुनाव में आज कल विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के जेहन में आम आदमी (किसान,गरीब और महिला) छाया हुआ है।आजादी के पहले से ही आम आदमी अपने उत्थान का इंतजार कर रहा है,कभी आम आदमी,तो कभी समाज में अंतिम आदमी की बात की जाती रही है,आम आदमी की संकल्पना बुद्ध, मुगल शासकों, ईस्ट इंडिया कंपनी,कार्ल मार्क्स,नेल्सन मंडेला,महात्मा गांधी,पंडित जवाहर लाल नेहरू,बाबा साहेब अम्बेडकर, जय प्रकाश नारायण,राममनो हर लोहिया,इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, नरेन्द्र मोदी से लेकर राहुल गांधी सभी ने गढऩे की कोशिश की है। हिन्दु धर्म की जटिलता की वजह से वर्ण व्यवस्था के चलते निचले पायदान पर खड़े निर्धन लोगों का जीवन दुर्लभ होने लगा तब बुद्ध सामने आये,अनुयायियों (आम आदमी) को आम जीवन बिताने प्रेरित किया था तो मुगलों ने भी भारत की सरजमीं पर अधिकार जमाया,महलों में ‘दीवान ए आम’, ‘दीवान ए खास’होना शुरू हुए जहां आमजनों की शिकायत सुनी जाती थी। अंग्रेजों ने करीब 200 साल तक हिन्दुस्तान में कब्जा रखा,उस समय अनपढ़, गरीब,किसान,छोटा धंधा करने वालों को ‘कामनमैन’ कहा जाता था,पढ़े-लिखे धनवान लोगों को ‘सर’ और ‘बाबू’ जैसे शब्दों से नवाज कर कुछ को उपाधि देने की परंपरा शुरु की गई।कार्ल मार्क्स ने तो साम्यवाद के सिद्धांत के तहत शासक (पूंजीवाद) और शोषक (आम मजदूर,जनता) दो वर्गों में बांटा था। महात्मा गांधी और पंडित नेहरू ने ‘अंतिम जन’ या आखरी आदमी कहा था।अंग्रेजों के समय वाईसराय का वेतन 5हजार था तो आम आदमी को एक रूपये मिला करते थे।पहले पीएम नेहरू ने अंतिम आदमी के लिए लोक तांत्रिक योजनाएं चलाई तो उनकी बेटी इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में ‘गरीबी हटाओ’ का नारा गढ़ा था। आपातकाल के बाद जनता पार्टी की सरकार बनी तो जयप्रकाश नारायण ने भी आम आदमी को ‘जनता’ कहकर संबोधित किया।राम मनोहर लोहिया भी आम आदमी को जनता ही कहते थे। इंदिरा की हत्या के बाद राजीव गांधी ने सत्ता सम्हाली तो उन्होंने कहा था एक रूपया आम आदमी तक पहुंचते-पहुंचते 15 पैसे ही रह जाता है। राजीव की हत्या के बाद सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने 20 09 के चुनाव में नारा दिया ‘आमआदमी के बढ़ते कदम,हर कदम के साथ भारत बुलंद’।इसके बाद भाजपा की सरकार बनी नरेन्द्रमोदी ने भी एक नारा दिया…. ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास ‘ पहली बार पूर्ण बहुमत की गैर कांग्रेसी सर कार बनी, फिर भी ‘आम आदमी’ जहां था वहीं रहा, हाँ,उसे मुफ्त 5 किलो चावल / गेहूं देकर संतुष्ट करने का प्रयास जारी है? फिर नये-नये नारे लोक सभा चुनाव में उछाले जा रहे हैं।फिर नेहरू,पाकि स्तान का विभाजन, संतुष्टी करण, मंगलसूत्र छीनने के बयान चर्चा में हैँ!

वोरा छ्ग लौटे,ऋचा
भी जल्दी लौटेंगी…..

छग सरकार ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से हाल ही में लौटे 1999 बैच के आईए एस सोनमणि बोरा को नई जिम्मेदारी दी है,अजा,जजा विकास विभाग,पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक विकास का प्रमुख सचिव बनाया है। आईएएस सोनमणि बोरा केंद्र में वर्ष 2019 से लैंड मैनेजमेंट जॉइंट सेक्रेटरी थे। उनके लौटने से अब छ्ग में दो प्रमुख सचिव हो गए हैं। वहीं अब आईएएस ऋचा शर्मा छग लौट रही हैँ, 2019 में दूसरी बार प्रति नियुक्ति पर गईं थीं।1994 बैच की आईएएस ऋचा शर्मा के छग लौटने के बाद कयास लगाये जा रहे हैं कि उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारीदी जा सकती है।आईएएस की वरिष्टता सूची में 5वें नंबर पर हैं।1989 बैच के अमिताभ जैन (सीएस) 1991 बैच की रेणु पिल्ले,1992 बैच के सुब्रत साहू,1993 बैच के अमित अग्रवाल के बाद 1994 बैच की ऋचा शर्मा हैं।वे बस्तर कलेक्टर रह चुकीं हैं,इनके पिता रायपुर जेल में जेलर रह चुके हैं, यह बात और है कि ऋचा की पूरी पढाई छग से बाहर ही हुई है।

सीएम, वित्त मंत्री बने तो
कुछ आईएएस जेल में.

हवाएं शाम के झोकों जरा लिहाज करो.... ना लो चिराग जलाते ही इम्तिहां मेरा....

हवाएं शाम के झोकों जरा लिहाज करो.... ना लो चिराग जलाते ही इम्तिहां मेरा....

छत्तीसगढ़ बनने के बाद आईएएस अजीत जोगी पहले सीएम बने तो दूसरे आईएएस ओम प्रकाश चौधरी वित्तमंत्री बने हैं पर कुछ आईएएस के लिये छ्त्तीसगढअच्छा साबित नहीं हुआ है।*आईएएस बाबूलाल अग्रवाल,आय सेअधिक सम्पत्ति,सीबीआई जाँच,एक’मिडियामैन’ की सलाह पर ही घूस देने के प्रयास में नौकरी से हाँथ धो बैठे।*समीर विश्नोई, कोयला स्कैम के मामले में जेल जाने वाले पहले आई एएस समीर विश्नोई हैं। समीर 2009 बैच केआईए एस हैं। वे कानपुर वाले हैं।आईआईटी से बी टेक करने के बादआईएएस में सलेक्ट हुए।वे कोंडगांव केकलेक्टर रह चुके हैं।समीर,खनिज संचालक,खनिज कारपोरेशन के एमडी,जीएसटी डायरेक्टर भी रह चुके हैं। कोयला घोटाले में ईडी की जांच के बाद उन्हें जेल भेजा गया है।*सौम्या चौरसिया, छग राज्य सेवा की एक अधिकारी सौम्या चौरसिया को भी कोयले घोटाले में गिरफ्तार किया गया है। सौम्या चौरसिया फिलहाल जेल में हैं। सौम्या की कभी गिनती पावरफुल अफसर में होती थी ।सौम्या की गिरफ्तारी ज़ब हुई उस समय सीएम कार्यालय में पदस्थ थीं। कोर्ट ने अभी तक सौम्या चौरसिया को जमानत नहीं दी है। *आईपीएस जीपी सिंह, 2021 में आय से अधिक संपत्ति के मामले में छग के एडीजी रहे जीपी सिंह को एसीबी ने गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था। बाद में कोर्ट ने उन्हें जेल भेज दिया था। रायपुर में राजद्रोह का भी मामला इस अनिवार्य सेवा निवृतअफसर जीपी सिंह पर दर्ज हुआ था,जीपी सिंह के पास से 5 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति एसीबी ने जप्त की थी, हाईकोर्ट से जमानत मिलने के बाद जीपी सिंह को रिहा कर दिया गया। जीपी सिंह,94 बैच के आईपीएस हैं।*अरुण पति त्रिपाठी,छग शराब घोटाले मामले में ईडी ने अरुणपति त्रिपाठी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है,उनकी जमानतनहीं हो पाई है।त्रिपाठी दूरसंचार सेवा के अधिकारी हैं।साथ ही आबकारी विभाग के विशेष सचिव थे। डॉ रमन सिंह सरकार में वह छग प्रति नियुक्ति पर आए थे। तब भी आबकारी विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।*आईएएस रानू साहू, छग में कोयला,लेवी घोटाले में कार्रवाई करते हुए ईडी की टीम ने 2010 बैच की आई एएस रानू साहू को गिरफ्तार किया था। रानू साहू, कांकेर कोरबा और रायगढ़ समेत की कलेक्टर रह चुकी हैं।अभी रानू साहू भी जेल में हैं।*अनिल टुटेजा, शराब घोटाला मामले में ईडी ने सेवा निवृतआईएएस (प्रमोटी) अनिल टुटेजा को भी गिरफ्तार किया है, फिलहाल वे भी जेल से होकर ईडी की रिमांड पर हैं ।

और अब बस…..

0 भाजपा ने लोस चुनाव 24 के लिये अभी तक घोषित 417 प्रत्याशियों में 116 दूसरे दलों से तो 37 पूर्व कॉंग्रेसी शामिल हैं।
0 कांग्रेस के मंगलसूत्र छीनने के भाजपा आरोप पर एक टिप्पणी …. नोट बंदी में महिलाओँ के छिपे पैसों को सार्वजनिक करने में किसकी भूमिका थी… यह भी चर्चा कर लेते भाई साहब…?
0सीबीआई अब छ्ग में कहीं भी छापमारी सहित अन्य कार्यवाही कर सकती है।छ्ग सरकार ने सीबीआई को कार्यवाही की अनुमति दे दी है।


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