कोरिया रियासत की एक अलग पहचान – डॉ विनोद पांडे
कोरिया रियासत का ऐतिहासिक विवरण विषय पर अपने शोध पत्र का वाचन
मनेन्द्रगढ़ ।कोरिया रियासत की एक अलग पहचान – डॉ विनोद पांडे छत्तीसगढ़ शासन संचनालय पुरातत्व अभिलेखागार एवं संग्रहालय के सभाकक्ष महंत घासीदास स्मारक संग्रहालय रायपुर में 3 से 5 मार्च 2023 छत्तीसगढ़ के क्षेत्रीय राजवंश विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया जिसमें कोरिया/ एमसीबी जिले के एकमात्र प्रतिनिधि नगर के इतिहासकार डॉ विनोद कुमार पांडे ने कोरिया रियासत का ऐतिहासिक विवरण विषय पर अपने शोध पत्र का वाचन किया व रियासत के विलीनीकरण पर अपने विचार रखे कोरिया रियासत का इतिहास 1600 ईसवीं से पूर्व की ऐतिहासिक स्थिति अस्पष्ट थी, प्राप्त लेखों / अभिलेखों के आधार पर बालंद शासकों का शासन था जो सीधी जिले के मादवा (मदवास) में निवास करते थे इसके उपरांत यहां पर कोल शासकों ने 11 पीढ़ी तक कोरिया में राज किया वर्तमान राजवंश की स्थापना 1750 के आसपास मैनपुरी के चौहान वंशियों का उल्लेख मिलता है इसमें दो चचेरे भाई दलथंबन साह व धोरेल साह ने कोरिया के वर्तमान राजवंश की स्थापना की थी तथा अंतिम राजा रामानुज प्रताप सिंह के 15 दिसंबर 1947 को विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने के उपरांत कोरिया रियासत भी भारतीय संघ में मिल गया डॉ पांडेय ने रियासत के बारे में विस्तार से जानकारी दी
राष्ट्रीय संगोष्ठी का शुभारंभ पद्मश्री अरुण शर्मा , पुरातत्ववेदता द्वारा किया गया इसमें प्रमुख रूप से शंकराचार्य विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रो. एलएस निगम ,डॉ रमेन्द्रनाथ मिश्रा , संस्कृति विभाग के उपसंचालक डॉ. पी सी पारख , पूर्व उप संचालक डॉ राहुल कुमार सिंह, डॉ के पी वर्मा सचिन मंदिलवार प्रभात कुमार सिंह प्रवीण तिर्की व अमर पटवा ने भी अपने विचार रखे i