अंधेरा छटेगा सूरज निकलेगा ओर कमल खिलेगा,,सोचो अटल जी कैसा *महामानव* था जिसने सत्ता को लात मार दी पर हिंदुत्व से समझौता नही किया
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी के *जन्मदिवस* पर
*जनसंघ* के बाद बीजेपी क्यो ओर कैसे बनी,, 1975 में इंद्रा के आपातकाल में 18 महीने जेल काटने के बाद कोंग्रेस छोड़ सभी राजनीतिक दलों ने मिलकर एक दल बनाया जिसका नाम रखा *जनता पार्टी*, उससे पहले बीजेपी का नाम जनसंघ था, चुनाव हुए इंद्रा हारी ओर जनता पार्टी की सरकार बनी मोरार जी देसाई प्रधानमंत्री *अटल जी* विदेश मंत्री ओर आडवाणी जी सूचना प्रसारण मंत्री थे
क्यो की अनेक दलों को मिलाकर जनता पार्टी बनी थी तो एक बार अन्य विचारधारा के नेताओ ने ऑब्जेक्शन लिया कि *अटल जी आडवाणी जी* राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य है और हमारी सेकुलर जनता पार्टी के सदस्य और विदेश मंत्री भी है अतः इन्हे संघ की सदस्यता से इस्तीफा देना होगा, ये बात अटल जी आडवाणी जी तक पहुची अटल जी ने स्पष्ट कर दिया कि *संघ और हिंदुत्व* हमारी प्रेरणा है न हम संघ को छोड़ेंगे ओर न ही हिंदुत्व को छोड़ेंगे ,अगर छोड़ना ही है तो हम सत्ता छोड़ेंगे ओर जनता पार्टी की सदस्यता छोड़ेंगे, ये कहते हुए अटल जी मोरार जी देसाई को अपना विदेश मंत्री पद से इस्तीफा भेज दिया साथ मे आडवाणी जी ने भी सूचना प्रसारण मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया ओर कहा हम फिर से नया दल बनाकर संघर्ष करेंगे पर हिंदुत्व को नही छोड़ेंगे
उसके कुछ समय बाद 1980 *भारतीय जनता पार्टी* बनाई जिसके पहले अध्यक्ष अटल बिहारी वाजपेयी जी को बनाया गया ओर वही अटल जी ने एक शब्द बोला था,अंधेरा छटेगा सूरज निकलेगा ओर कमल खिलेगा,,सोचो अटल जी कैसा *महामानव* था जिसने सत्ता को लात मार दी पर हिंदुत्व से समझौता नही किया,,आज उसी अटल की भाजपा जेहादियो घुसपैठियों वामपंथीयो आतंकियो नक्सलियों सेकुलर गिद्दों कोंग्रेस सहित पूरी जेहादी जमात से लड़ रही है अटल की भाजपा देश बचाने के लिए ।,,
वाकई में अटल जी बीजेपी के रूप में देश धर्म के लिए लड़ने वाले *राष्ट्रवादियो* की सेना देकर गए है ,खुद की हड्डी गला कर भारत माता को वज्र देकर गए है ,अटल जी का जन्म सार्थक हुआ इस भारत भूमि पर ,आज अटल जी के *जन्मदिवस* पर में उन्हें कोटि कोटि नमन करता हु।