छत्तीसगढ़

आजादी के बाद छ्ग की 14 रियासतों का विलय भारत संघ में…

वरिष्ठ पत्रकार शंकर पांडे की कलम से {किश्त133}

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12 अगस्त 1946 को पंडित जवाहरलाल नेहरू के नेतृत्व में अंतरिम सरकार की स्थापना भारत में हुई थी, 25 जून 1947 को अंतरिम सरकार के मंत्रिमंडल ने रियासत विभाग की स्थापना का प्रस्ताव स्वीकृत कर 27 जून को यह विभाग सरदार पटेल को सौंप दिया गया। सरदार ने राजनीति, कूट नीति कौशल के धनी बीपी मेनन को इस विभाग का सचिव भी नियुक्त किया। 5 जुलाई 1947 को सरदार पटेल ने रियासतों से देश हित में भारतसंघ में शामिल होने की अपील की। छ्ग की रियासतों ने भी विलय पत्र पर हस्ताक्षर किया। 15 अगस्त 1947 को भारतीय सत्ता हस्ताँतरण की तिथि निर्धारित की गई थी, छ्ग की रियासतों में खैरागढ़ पहली रियासत थी, जिसने भारत संघ में प्रवेश की स्वीकृति दी, 5 अगस्त 1947 को ही वीरेंद्र बहादुर सिंह ने प्रवेश अनुबंध पर मुहर अंकित की थी , उसके बाद 7 अगस्त को कोरिया,9 को सरगुजा 11को रायगढ़ और कांकेर 22 को राजनांदगाव, एक सितंबर को जशपुर,19 को सरगुजा,3 दिसंबर 1947 को चांगभखार और जशपुर रियासत की ओर से हस्ताक्षर किये गये।अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर कर महत्वपूर्ण विषयों पर भारतसंघ में रियासतों का अधिमिलन स्वीकार किया। 15 अगस्त 1947 के पूर्व सारंगढ़, चांगभखार, कवर्धा, छुई खदान, बस्तर,उदयपुर और सक्ति रियासतों के शासकों ने निर्धारित प्रवेश,अनुबंधपत्र पर हस्ताक्षर कर भारत संघ में प्रवेश लिया था। गृह मंत्री पटेल ने राजाओं,उनके प्रति निधियों से विलय विषय पर चर्चा की,राजाओं केवार्षिक निर्वाह खर्च तय किया था, जिसमें 1लाख आय वाले राज्य के शासकों को आय का10%, तो 5 से 10 लाख आय वाले शासकों को 7.5 % वार्षिक निर्वाह भत्ता देना निश्चित किया था, यह भी आश्वासन दिया था कि निर्वाह खर्च के अलावा निजी जायदाद और महल भी राजाओं को सौँप दिया जाएगा। राजाओं के व्यक्ति गत अधिकार,उनकी माताओं के अधिकार, उत्तरा धिकार के अधिकार भी स्वीकृत करने का वचन दिया था। सर्वप्रथम नादगांव रियासत की जयंतीदेवी ने नाबालिग राजा की ओर से विलयपत्र पर हस्ताक्षर किया उनके बाद ललित कुमार(रायगढ़) भानुप्रताप(कोरिया) चंद्रभूषण सिंह (उदयपुर) राजा नरेशचंद्र सिंह (कवर्धा) लीलाधरसिंह (सक्ति) प्रवीरचंद्र भंजदेव (बस्तर) ने एक के बाद एक हस्ताक्षर किये। सरगुजा रियासत के उतराधिकारी वहाँ के दीवान टीसीआर मेनन,चांगभखार के दीवान ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर करवाना स्वीकार किया,इस तरह रियासतों के राजाओं ने सारी जनता,सारा भूभाग जिसकी आय लगभग 2 करोड़ ₹ वार्षिक थी,सभी कुछ भारत सरकार को सौँप दिया। छ्ग की 14 सामंती रियासतों को एक जनवरी1948 को भारतीय संघ में विलीन कर लिया गया।

रियासतों का जिलों
में सँविलियन…..

14 रियासतों को प्रांतीय सरकार ने जिलों में शामिल कर दिया।1948 में रायगढ़ जिले का गठन कर रायगढ़, सारंगढ़,जशपुर,उदयपुरको समाहित किया गया,बस्तर और कांकेर रियासत मिला कर बस्तर जिला, सरगुजा चांगभखार एवं कोरिया मिलाकर सरगुजा जिला, छुईखदान,नांदगांव, खैरागढ़ और कवर्धा को मिला कर दुर्ग जिला गठित किया गया था।


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