: भूपेश बघेल का अंतिम बजट भी निराशाजनक और धोखे का बजट: संजय
Admin Tue, Mar 7, 2023
मनेन्द्रगढ़ । एमसीबी। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज विधानसभा में अपने शासनकाल का अंतिम बजट पेश किया जो धोखे का बजट बताया और भाजपा मीडिया प्रभारी ने कहा कि यह बजट सिर्फ चुनाव पर आधारित है। बजट किसानों को 2 साल का बकाया बोनस, पूर्ण शराब बंदी को लेकर कांग्रेस की सरकार ने हाथ में गंगाजल लेकर शराबबंदी की बात की थी परंतु शराबबंदी के जिक्र ही कहीं नहीं है और पूरे प्रदेश को सरकार ने नशे का हब बना दिया है। किसान पेंशन, कर्मचारियों के नियमितीकरण 10 लाख बेरोजगारों को ₹2500 भत्ता पर प्रश्न चुनावी साल में बेरोजगारी भत्ते की घोषणा पर कांग्रेस सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि चुनावी साल में सिर्फ 250 करोड़ रूपए से 10 लाख युवाओं को यह सरकार कौन से “एक महीने” का बेरोजगारी भत्ता देना चाहती है। क्योंकि प्रदेश में 19 लाख पंजीकृत युवा है और कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 10 लाख युवाओं को 2500 रुपयेप्रतिमाह बेरोजगारी भत्ता देने की बात रखी थी। जिसके लिए प्रतिवर्ष 3000 करोड़ रूपये खर्च होने हैं और आज के बजट में 2 वर्षों के लिए केवल 250 करोड़ रुपये ही निर्धारित किये गये हैं, जिससे केवल 1 माह तक ही बेरोजगारी भत्ता दिया जा सकता है। इस सरकार ने बेरोजगार युवाओं को 4 साल तो ठगा ही था जाते-जाते भी उनके साथ इतना बड़ा धोखा हुआ है। साथ ही पत्रकार सुरक्षा कानून ,अधिवक्ता सुरक्षा कानून , नागपुर से पारा डोल 11किलोमीटर रेल लाइन के लिए छत्तीसगढ़ के हक की राशि के संबंध मे विचार न कर पाराडोल- नागपुर हाल्ट स्टेशन के बीच नई रेलवे लाइन के लिए बजट में क्षेत्रवासियों को निराशा हाथ लगी है। उन्होंने बताया नई रेलवे लाइन बनने के बाद अंबिकापुर, नागपुर, चिरमिरी, मनेंद्रगढ़ स्टेशन से होकर गाडियां गुजरती । वहीं नागपुर हाल्ट स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिल जाता | केंद्र-राज्य सरकार द्वारा 11किलोमीटर तक बिछने वाली नई रेलवे लाइन पर 50-50 प्रतिशत अंशदान से 241 करोड़ खर्च करेगी। रेलवे बोर्ड ने नवंबर 2019 को केंद्र के हिस्से की 50 फीसदी बजट 120.50 करोड़
जारी कर दिया है। लेकिन छत्तीसगढ़ राज्य ने अपने हिस्से की 50 फीसदी राशि 120.50 करोड़ बजट रेलवे को नहीं दिया। वंही प्रदेश मे 200 फ़ूड पार्क की स्थापना का वादा था जो धरातल मे कंही नही दिखता गौरतलब है कि यह मुद्दे कांग्रेस के घोषणा पत्र के प्रमुख मुद्दे है और भूपेश सरकार इन्हें पुरे करने में अब तक असफल रही है। इस कार्यकाल के अंतिम बजट में जनता को इन वादों के पुरे होने की उम्मीदें थी लेकिन भूपेश सरकार के बजट में इन्हें स्थान नहीं मिला जिससे आमजनों में सरकार को लेकर नाराजगी भी है।
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