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5th November 2025

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छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025 तीन दिवसीय आयोजन में झलकी परंपरा, प्रगति और गौरव की झांकी

निहत्थों पर जो वार किए उन कायरो को बतलाना है भरकर पीतल उनकी छाती श्री राम बोल कर आना है

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राज्योत्सव में लोकल फॉर वोकल कवियों ने बाधा समा : निहत्थों पर जो वार किए उन कायरो को बतलाना है भरकर पीतल उनकी छाती श्री राम बोल कर आना है

Praveen Nishee Tue, Nov 4, 2025

मनेन्द्रगढ। एमसीबी। राज्योत्सव रजत महोत्सव के अवसर पर जिला प्रशासन के द्वारा 3 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है जिसमें छत्तीसगढ़ की 25 वर्षों के विकास यात्रा के साथ शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं को प्रदर्शित किया जा रहा है लोक कला और संस्कृति के अनूठी संगम में राज्य उत्सव के दूसरे दिन लोकल बार वोकल के आधार पर जिले के कवियों के द्वारा छत्तीसगढ़ की संस्कृति एवं छत्तीसगढ़ महतारी के यश कीर्ति एवं वैभव पर कब सम्मेलन का आयोजन किया गया

राजेश जैन के संचालन में जिले की सुप्रसिद्ध समाजसेवी डॉ रश्मि सोनकर ने छत्तीसगढ़ी भाषा में अपने गीत से कार्यक्रम की शुरुआत की उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा की मधुरता के लिए कहा "हमर भाखा हमर गुरतुर बोली, छत्तीसगढ़ी जैसे मदरस के गोली"

वरिष्ठ साहित्यकार वीरेंद्र श्रीवास्तव ने उत्तर से दक्षिण तक छत्तीसगढ़ी विकास पर पंक्तियों को उकेरा कवि सतीश द्विवेदी के द्वारा बॉर्डर पर स्थित सैनिक को एवं राष्ट्रभक्ति की कविताओं से ओतप्रोत कविता पढ़ी "सरहदों को लेके लड़ते रहते हम, सरहदों को लेके मिटते रहते हम" वरिष्ठ साहित्यकार कवित्री अनामिका चक्रवर्ती ने महिला सशक्तिकरण और प्रकृति प्रेम पर अपनी कविताओं का वाचन किया "स्त्री होना ऋणी होना नहीं है, प्रकृति होना है"

राज्य भाषा आयोग के जिला समन्वयक बिनोद तिवारी ने भी छत्तीसगढ़ महतारी का यशोगन किया, इसके साथ ही मृत्युंजय सोनी ने अपनी कविता के माध्यम से पिता की नसीहत एवं फोटो ग्राफर का अद्वितीय जीवन पर मार्मिक कविता सुनाई-"बेटे/इतने भले भी मत बनना, जितना सड़क किनारे आम का पेड़ होता है/हर आता जाता छांव में बैठकर सुस्ताता भी है और जाते जाते आमों से झोला भी भर लेता है"

कार्यक्रम के संचालक और व्यंग्यकार राजेश जैन ने मासूम बच्चियों की निजता और बढ़ते अपराध पर अपनी रचना में कहा "बहुत हुआ रावण का वध श्री राम आपके हाथों से इस बार दहन सीता कर ले रावण को अपने हाथों से" पहलगांव में हुए आतंकी हमलों पर वीर रस से लवरेज"निहत्थों पर जो वार किए उन कायरो को बतलाना है भरकर पीतल उनकी छाती श्री राम बोल कर आना है"

जैसे कविताओं से श्रोताओं की वाहवाही लूटी

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