तीन दिवसीय सिरौली मेला का शुभारंभ : कार्तिक पूर्णिमा पर सिरौली में तीन दिवसीय मेला आरंभ — श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़
Praveen Nishee Wed, Nov 5, 2025
मनेंद्रगढ़। एमसीबी। कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर जिला मुख्यालय से लगभग 10 किलोमीटर दूरी पर स्थित ग्राम सिरौली में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी तीन दिवसीय सिरौली मेला का शुभारंभ हुआ। यह मेला दक्षिणामुखी हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित किया जा रहा है, जो धार्मिक आस्था और ऐतिहासिक महत्व का प्रतीक माना जाता है। जिला पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के नोडल अधिकारी तथा इतिहासकार डॉ. विनोद पांडेय ने जानकारी दी कि इस स्थल का इतिहास लगभग 1924-25 से जुड़ा हुआ है। किवदंती के अनुसार, उस समय यह क्षेत्र घने जंगलों से आच्छादित था। स्थानीय चरवाहों द्वारा जंगल के भीतर एक दिव्य प्रतिमा की जानकारी मिलने पर तत्कालीन कोरिया नरेश श्री रामानुज प्रताप सिंह देव स्वयं अपने सेवकों सहित इस स्थान पर पहुंचे। उन्होंने प्रतिमा को खुदवाने का प्रयास किया, किंतु हनुमान जी की प्रतिमा का दाहिना पैर धरती की गहराई में होने के कारण पूरी तरह प्रकट नहीं हो सका। राजा को स्वप्न में आदेश प्राप्त हुआ कि “इस प्रतिमा को अन्यत्र न ले जाएं, यहीं इसकी पूजा-अर्चना करें।” तत्पश्चात, सन 1924-25 (विक्रम संवत 2016) में कोरिया रियासत के शासक स्वर्गीय श्री रामानुज प्रताप सिंह देव द्वारा दक्षिणामुखी संकट मोचन हनुमान मंदिर का निर्माण कराया गया। उस समय मंदिर के संस्थापक महंत स्वर्गीय नीलकंठ शुक्ल जी महाराज थे। तभी से कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर इस मेले की परंपरा प्रारंभ हुई, जो आज तक निरंतर जारी है। मेले के दौरान जिलेभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में हनुमान मंदिर पहुंचकर पूजा-अर्चना करते हैं और मन्नतें मांगते हैं। स्थानीय श्रद्धालुओं द्वारा भंडारा का आयोजन भी किया जाता है। मेला प्रांगण में आकर्षक दुकानों, झूलों, पूजा सामग्री, खिलौनों और खानपान की स्टॉलों की श्रृंखला लगाई जाती है। मंदिर से लगभग 50-60 मीटर की दूरी पर हंसदो नदी बहती है तथा मात्र 1 किलोमीटर दूर उदलकछार जलप्रपात स्थित है, जो एक प्रमुख पर्यटन स्थल होने के साथ-साथ प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण दर्शनीय स्थान है। संपर्क हेतु: घूमता दर्पण मीडिया नेटवर्क ईमेल: contact@ghoomatadarpan.com वेबसाइट: www.ghoomatadarpan.com
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